इतिहासप्राचीन भारतराष्ट्रकूट
राष्ट्रकूटों के साहित्य का इतिहास
राष्ट्रकूट नरेश विद्वान तथा विद्या-प्रेमी थे और उनके दरबार में उच्चकोटि के विद्वान रहते थे। अमोघवर्ष ने कन्नङ भाषा में प्रसिद्ध काव्यग्रंथ कविराजमार्ग लिखा था। उसकी राजसभा में आदिपुराण के लेखक जिनसेन, गणितसंग्रह के रचयिता महावीराचार्य तथा अमोघवृत्ति के लेखक साकतायन निवास करते थे।
राष्ट्रकूट नरेशों ने कन्नङ भाषा तथा साहित्य को संरक्षण प्रदान किया। कन्नङ के साथ-साथ संस्कृत का भी विकास होता रहा। राष्ट्रकूट लेखों में संस्कृत भाषा का प्रयोग मिलता है।राष्ट्रकूट शासकों का राजनैतिक इतिहास।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
India Old Days : Search