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कर्नल स्लीमैन की रिपोर्ट क्या थी

कर्नल स्लीमैन

कर्नल स्लीमैन (What was Sleeman’s report)

कर्नल स्लीमैन (sleeman ki report kya thi) – 1848 ई. में कर्नल स्लीमैन को अवध में अँग्रेज रेजीडेन्ट नियुक्त किया गया। उसने अपनी रिपोर्ट में बहुत अधिक बढा-चढाकर अवध के कुशासन का विवरण दिया। स्लीमैन की रिपोर्ट के अनुसार अवध में चारों तरफ अव्यवस्था फैली हुई थी, जिसे उसने अराजकता की संज्ञा दी।

कुशासन का सारा दोष नवाब वाजिदअलीशाह के सिर पर डाला गया। स्लीमैन के शब्दों में, वह कभी दरबार में उपस्थित ही नहीं होता था।

स्लीमैन ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया कि शासन व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कठोर कार्यवाही की आवश्यकता है। फिर भी, कर्नल स्लीमैन अवध को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाये जाने के पक्ष में नहीं था। उसका मानना था कि इस प्रकार की कार्यवाही से ब्रिटिश को गहरा आघात लग सकता है।

स्लीमैन का मानना था कि इस प्रकार की कार्यवाही से ब्रिटिश प्रतिष्ठा को गहरा आघात लग सकता है। स्लीमैन की इस दलील से डलहौजी को अपनी योजना थोङे समय के लिए स्थगित करनी पङी। परंतु उसने चालाकी से काम किया। न तो स्लीमैन की रिपोर्ट पर किसी प्रकार की कार्यवाही की और न ही वाजिदअलीशाह को कुशासन के बारे में कोई चेतावनी ही दी गयी।

परंतु इसका अर्थ नहीं है कि डलहौजी ने अपनी योजना में किसी प्रकार का परिवर्तन कर लिया था। 1853 ई. में उसने एक पत्र में लिखा था कि, अवध का राजा अहंकारी होता जा रहा है। जाने से पूर्व उसे निगल जाने में मुझे संतोष मिलेगा। उसी वर्ष उसने कंपनी के नियंत्रक मंडल के अध्यक्ष चार्ल्स वुड को लिखे पत्र में भी इसी प्रकार के विचार प्रकट किये।

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