तंजोर
- जनवरी- 2023 -13 जनवरीआधुनिक भारत
कर्नाटक का तृतीय युद्ध (1758-63ई.)
कर्नाटक का तृतीय युद्ध(Third Battle of Carnatic) - यह युद्ध भी यूरोपीय संघर्ष का ही भाग था। 1756 में सप्तवर्षीय…
Read More » - जून- 2020 -28 जूनइतिहास
हिन्दू धर्म में सूर्य पूजा का महत्त्व
हिन्दू देवमंडल में सूर्य का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान था, जिनकी कल्पना जगत के प्रकाश के स्वामी के रूप में की…
Read More » - 26 जूनइतिहास
शैव धर्म का उद्भव तथा विकास
शिव से संबंद्ध धर्म को शैव कहा जाता है, जिसमें शिव को इष्टदेव मानकर उनकी उपासना किये जाने का विधान…
Read More » - मई- 2020 -27 मईइतिहास
चोल काल में कला तथा स्थापत्यकला
चोल वंशी शासक उत्साही निर्माता थे और उनके समय में कला और स्थापत्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुयी।
Read More » - 26 मईइतिहास
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
Read More » - 24 मईइतिहास
चोलकालीन शासन प्रबंध
चोल संस्कृति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष उसकी शासन-व्यवस्था है। चोल सम्राटों ने एक विशिष्ट शासन व्यवस्था का निर्माण किया,जिसमें प्रबल…
Read More » - 23 मईइतिहास
चोल राजवंश का इतिहास
चोल राजवंश का प्रारंभिक इतिहास अंधकारपूर्ण है।संगम युग (100-250ई.) में चोल वंशी नरेश दक्षिण में शक्तिशाली थे। इस काल के…
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