ब्राह्मण
- जनवरी- 2020 -8 जनवरीइतिहास
राजपूतों की शासन-व्यवस्था कैसी थी
राजपूतकालीन भारत में राजनैतिक तथा सांस्कृतिक दृष्टि से अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं। शासन के क्षेत्र में सामंतवाद का पूर्ण…
Read More » - नवम्बर- 2019 -15 नवम्बरइतिहास
राजनीति शास्र के प्रमुख ग्रंथ तथा लेखक कौटिल्य और उसका अर्थशास्र, कामंदकीय नीतिसार, शुक्रनीति
प्राचीन काल में राजनैतिक व्यवस्था अर्थात् राजा तथा राज्य और राजा के कार्यों के बारे में अलग-2 विद्वानों ने अपने…
Read More » - अक्टूबर- 2019 -25 अक्टूबरइतिहास
हर्ष के समय में सामाजिक जीवन
ब्राह्मण जन्मन्ना श्रेष्ठता का दावा करते थे, कर्मणा नहीं। हर्षचरित में एक स्थान पर कहा गया है, केवल जो जन्म…
Read More » - सितम्बर- 2019 -25 सितम्बरइतिहास
बलभी का मैत्रक वंश
ध्रुवसेन द्वितीय बालादित्य राजा हुआ। वह हर्ष का समकालीन था। उस के काल में हुएनसांग भारत आया था। उसके अनुसार…
Read More » - 4 सितम्बरप्राचीन भारत
गुप्तों का सामाजिक जीवन
सती प्रथा का उल्लेख केवल 510 ईस्वी के भानुगुप्त के एरण अभिलेख में मिलता है, जिसके अनुसार उसके मित्र गोपराज…
Read More » - मई- 2019 -3 मईप्राचीन भारत
चंद्रगुप्त मौर्य की उत्पत्ति का वर्णन
मौर्य साम्राज्य का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य था, जिसकी उत्पत्ति के संबंध में अनेक विद्वानों ने अलग-2 मत प्रकट किये हैं।…
Read More » - मार्च- 2018 -15 मार्चइतिहास
जैन धर्म का पतन क्यों हुआ
जैन धर्म भारत भूमि में जन्मा एक महत्त्वपूर्ण धर्म था।महावीर स्वामी के जीवन काल में इस धर्म का अच्छा प्रचार-प्रसार…
Read More » - 9 मार्चइतिहास
जैन धर्म के ग्यारह गणधरों के नाम
गणधर जैन दर्शन में प्रचलित एक उपाधि है।गणधर वह व्यक्ति होता है, जो धर्म के गण को धारण करता है।…
Read More » - फरवरी- 2018 -6 फ़रवरीप्राचीन भारत
द्विज : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य
द्विज- द्विज का अर्थ है, दुबारा जन्म लेना।द्विज में ब्राह्मण ,क्षत्रिय, वैश्य आते थे।द्विज को जनेऊ धारण करने के लिए…
Read More » - 5 फ़रवरीप्राचीन भारत
चार हिन्दू आश्रम व्यवस्था क्या थी
3 आश्रमों का विधान उत्तरवैदिक काल में हुआ। ब्रह्मचर्य आश्रमगृहस्थ आश्रमवानप्रस्थ आश्रम। संयास आश्रम पर अवैदिक परंपराओं (श्रमण परंपरा-जैन, बौद्ध…
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