राजेन्द्र चोल
- सितम्बर- 2021 -4 सितम्बरइतिहास
राजेन्द्र चोल(1012-1044 ई.) का इतिहास
के कारण चोल नियंत्रण बना हुआ था, जिसके कारण पूर्वी जगत विशेषतः चीन के साथ व्यापार को भी प्रोत्साहन मिल…
Read More » - 2 सितम्बरइतिहास
कलचुरी राजवंश का इतिहास
कलचुरी राजवंश - कलचुरियों का एक वंश सरयूपार (गोरखपुर) में भी था, परंतु चेदि (जिसका प्राचीन नाम डाहलवंश भी था)…
Read More » - जून- 2020 -26 जूनइतिहास
शैव धर्म का उद्भव तथा विकास
शिव से संबंद्ध धर्म को शैव कहा जाता है, जिसमें शिव को इष्टदेव मानकर उनकी उपासना किये जाने का विधान…
Read More » - मई- 2020 -30 मईइतिहास
दक्षिण भारत में कृषि कार्य
संगम काल के बाद में दक्षिण में कृषि का खूब विकास हुआ। इस समय जंगलों की कटाई कर अधिकाधिक भूमि…
Read More » - 28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
Read More » - 26 मईइतिहास
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
Read More » - 25 मईइतिहास
चोल कालीन भूमि तथा राजस्व
चोल राज्य की आय का मुख्य साधन भूमिकर था। भूमिकर ग्राम-सभायें एकत्र करके सरकारी खजाने में जमा करती थी।
Read More » - 24 मईइतिहास
चोलकालीन शासन प्रबंध
चोल संस्कृति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष उसकी शासन-व्यवस्था है। चोल सम्राटों ने एक विशिष्ट शासन व्यवस्था का निर्माण किया,जिसमें प्रबल…
Read More » - 19 मईइतिहास
चोल शासक कुलोत्तुंग प्रथम(1070-1120ई.)का इतिहास
कुलोत्तुंग प्रथम पूर्वी चालुक्य नरेश राजराज का पुत्र था, किन्तु उसमें चोल रक्त का भी मिश्रण था। उसकी माता राजेन्द्र…
Read More » - नवम्बर- 2019 -7 नवम्बरइतिहास
पाल वंश के शासकों का इतिहास
ऐसी अराजकतापूर्ण स्थिति में बंगाल के मुख्य लोगों ने गोपाल को समूचे राज्य का शासक चुना। गोपाल ने एक वंश…
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