वाराहमिहिर
- मार्च- 2021 -18 मार्चइतिहास
चंद्रगुप्त द्वितीय का विद्या प्रेम एवं शासन प्रबंध की स्लाइड
चंद्रगुप्त द्वितीय युद्ध क्षेत्र में जितना महान था, शांति काल में उससे कहीं अधिक कर्मठ था। वह स्वयं विद्वान एवं…
Read More » - 17 मार्चइतिहास
गुप्त काल में साहित्य तथा विज्ञान का विकास की स्लाइड
गुप्तयुग में साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई। गुप्त साम्राज्य की स्थापना के साथ ही संस्कृत भाषा…
Read More » - जुलाई- 2020 -15 जुलाईइतिहास
ज्योतिष एवं खगोल विद्या का विकास
भारतीय ज्योतिष का इतिहास भी अत्यन्त प्राचीन है। वेदों को भलीभाँति समझने के लिये जिन छः वेदांगों की रचना की…
Read More » - जून- 2020 -4 जूनइतिहास
प्राचीन काल में शिक्षा पद्धति के दोष
प्राचीन शिक्षा पद्धति की यदि हम आलोचनात्मक समीक्षा करें, तो उसमें गुणों के साथ-साथ कुछ दोष भी दिखाई देते हैं।
Read More » - मार्च- 2020 -11 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल प्राग्ज्योतिषपुर
असम के गौहाटी के समीप स्थित इस स्थान में प्राचीन काल के कामरूप राज्य की राजधानी थी। पौराणिक मान्यता के…
Read More » - फरवरी- 2020 -1 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल काम्पिल्य
उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जनपद में यह स्थान स्थित है। इसकी गणना भारत के प्राचीनतम नगरों में होती थी। बुद्ध…
Read More » - सितम्बर- 2019 -6 सितम्बरइतिहास
गुप्त काल में साहित्य तथा विज्ञान का विकास
हरिषेण सम्राट समुद्रगुपत् का सेनापति एवं विदेश सचिव था। उसकी सुप्रसिद्ध कृति प्रयाग-प्रशस्ति है, जिसे इसमें काव्य कहा गया है।…
Read More » - 4 सितम्बरप्राचीन भारत
गुप्तों का सामाजिक जीवन
सती प्रथा का उल्लेख केवल 510 ईस्वी के भानुगुप्त के एरण अभिलेख में मिलता है, जिसके अनुसार उसके मित्र गोपराज…
Read More » - अगस्त- 2019 -26 अगस्तप्राचीन भारत
चंद्रगुप्त द्वितीय का विद्या प्रेम
हम कह सकते हैं,कि चंद्रगुप्त का काल में गुप्त शासन का स्वर्ण युग था।
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