प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल काम्पिल्य
उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जनपद में यह स्थान स्थित है। इसकी गणना भारत के प्राचीनतम नगरों में होती थी। बुद्ध काल में यह दक्षिण पञ्चाल जनपद की राजधानी थी। महाभारत में भी इसे दक्षिण पञ्चाल राज्य की राजधानी बताया गया है। इसका विस्तार गंगा के दक्षिण तट से लेकर चम्बल तक था। महाभारत के समय यहाँ द्रुपद का राज्य था।
वर्तमान कम्पिला में एक प्राचीन टीला आज भी ‘द्रुपद कोट’ कहा जाता है। यहाँ एक कुण्ड है जिसकी खुदाई से मौर्यकाल ईटों तथा मन्दिरों से कई मूर्तियाँ प्राप्त की गई हैं।
चीनी यात्री हुएनसांग इस नगर की यात्रा पर गया था। वह लिखता है कि यहाँ बौद्ध भिक्षु निवास करते थे। काम्पिल्य जैन धर्म का भी केन्द्र था, जिसका सम्बन्ध जैन तीर्थकर विमलनाथ के जीवन की घटनाओं से था। अनुश्रुति के अनुसार ज्योतिषाचार्य वाराहमिहिर का जन्म-स्थल काम्पिल्य ही था। इस नगर की महत्ता काशी, उज्जयिनी जैसे प्राचीन नगरों नगरों की भाँति ही बताई गयी हैं।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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