संगम साहित्य
- फरवरी- 2021 -12 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन काल में भारत-रोम संबंधों के बारे पूरी जानकारी
भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि…
Read More » - अगस्त- 2020 -4 अगस्तइतिहास
संगम काल : महत्त्वपूर्ण तथ्य
संगम वस्तुतः एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ सभा होता है। तमिल परंपरा के अनुसार पौराणिक समय से तीन संगम…
Read More » - जुलाई- 2020 -23 जुलाईइतिहास
प्राचीन काल में भारत-रोम संबंध कैसे थे
भारत तथा पाश्चात्य विश्व के बीच संपर्क के प्राचीनतम संदर्भ मिलते हैं, तथापि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं, कि…
Read More » - जून- 2020 -24 जूनइतिहास
वैष्णव (भागवत) धर्म की उत्पत्ति तथा विकास
वैष्णव धर्म का विकास भागवत धर्म से हुआ। परंपरा के अनुसार इसके प्रवर्त्तक वृष्णि (सात्वत) वंशी कृष्ण थे, जिन्हें वसुदेव…
Read More » - मई- 2020 -28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
Read More » - 23 मईइतिहास
चोल राजवंश का इतिहास
चोल राजवंश का प्रारंभिक इतिहास अंधकारपूर्ण है।संगम युग (100-250ई.) में चोल वंशी नरेश दक्षिण में शक्तिशाली थे। इस काल के…
Read More » - 15 मईइतिहास
चोल राजवंश के इतिहास के साधन
चोल राजवंश - कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों से लेकर कुमारी अंतरीप तक का विस्तृत भूभाग प्राचीन काल में तमिल प्रदेश…
Read More » - 2 मईइतिहास
संगम काल की संस्कृति
संगमकाल दक्षिण भारत के प्राचीन इतिहास का एक कालखण्ड है। यह कालखण्ड ईसापूर्व तीसरी शताब्दी से लेकर चौथी शताब्दी तक…
Read More » - 1 मईइतिहास
पाण्ड्य राजवंश का इतिहास
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का राज्य था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रामनाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था।
Read More » - अप्रैल- 2020 -30 अप्रैलइतिहास
संगम काल का चोल राज्य
संगम युगीन राज्यों में सर्वाधिक शक्तिशाली चोलों का राज्य था। यह पेन्नार तथा दक्षिणी वेल्लारु नदियों के बीच स्थित था।…
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