सोड्ढल
- अप्रैल- 2021 -11 अप्रैलइतिहास
हर्ष के समय में साहित्य तथा शिक्षा की स्लाइड
हर्षवर्धन स्वयं एक उच्चकोटि का विद्वान था, अतः अपने शासन काल में उसने शिक्षा एवं साहित्य की उन्नति को पर्याप्त…
Read More » - फरवरी- 2021 -13 फ़रवरीइतिहास
गुणाढ्य की रचनाऐं के बारे में जानकारी
प्राचीन साहित्य के कथाकारों में गुणाढ्य का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वह सातवाहन नरेश हाल (प्रथम-द्वितीय शती.)का दरबारी कवि था।…
Read More » - जून- 2020 -21 जूनइतिहास
गुणाढ्य की रचनायें
प्राचीन साहित्य के कथाकारों में गुणाढ्य का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वह सातवाहन नरेश हाल (प्रथम-द्वितीय शती.)का दरबारी कवि था।…
Read More » - 17 जूनइतिहास
हर्षवर्धन के बारे में जानकारी
सम्राट हर्षवर्धन (606-647ई.) महान विजेता एवं साम्राज्य निर्माता होने के साथ-साथ एक उच्चप्रतिभा के नाटककार भी थे।
Read More » - 2 जूनइतिहास
पल्लव राजवंश के इतिहास के साधन
पल्लव काल में संस्कृत तथा तमिल भाषा में अनेक ग्रंथों की रचना की गयी। संस्कृत ग्रंथों में अवन्तिसुन्दरीकथा तथा मत्तविलासप्रहसन…
Read More » - फरवरी- 2020 -24 फ़रवरीइतिहास
दक्षिण भारत के इतिहास की जानकारी के स्रोत
दक्षिण भारत के इतिहास के अध्ययन के लिये हमें उतनी अधिक सामग्री नहीं मिलती, जितनी उत्तर भारत के इतिहास की…
Read More » - अक्टूबर- 2019 -26 अक्टूबरइतिहास
हर्ष के समय में साहित्य तथा शिक्षा
ह्वेनसांग ने पंच्चविद्याओं शब्द विद्या (व्याकरण), शिल्पस्थान विद्या, चिकित्सा विद्या, हेतु विद्या (न्याय अथवा तर्क) तथा अध्यात्म विद्या, का उल्लेख…
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