हर्ष
- मार्च- 2020 -28 मार्चइतिहास
पुलकेशिन द्वितीय की उपलब्धियाँ तथा विजय
पुलकेशिन द्वितीय की उपलब्धियों का विवरण हमें ऐहोल लेख से प्राप्त होता है। ऐहोल लेख एक प्रशस्ति के रूप में…
Read More » - 17 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल भृगुकच्छ
इस स्थान की पहचान आधुनिक गुजरात के भड़ौच से की जाती है। यह पश्चिमी भारत का प्रसिद्ध नगर एवं समुन्द्री…
Read More » - 12 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल प्रयाग
गंगा-यमुना के पवित्र संगम पर स्थित प्रयाग अतिप्राचीन समय से ही हिन्दुओं का सुप्रसिद्ध तीर्थ रहा है। धर्मग्रन्थ इसे ‘तीर्थराज’…
Read More » - 11 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल प्राग्ज्योतिषपुर
असम के गौहाटी के समीप स्थित इस स्थान में प्राचीन काल के कामरूप राज्य की राजधानी थी। पौराणिक मान्यता के…
Read More » - फरवरी- 2020 -7 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल गंजाम
यह उड़ीसा प्रान्त में स्थित है। इसका प्राचीनतम नाम संभवतः कांगोद था जिसका उल्लेख चीनी यात्री हुएनसांग ने हर्ष के…
Read More » - दिसम्बर- 2019 -23 दिसम्बरइतिहास
चंदेल शासकों का राजनैतिक इतिहास
चंदेल वंश की स्थापना 831 ईस्वी के लगभग नन्नुक नामक व्यक्ति ने की थी। उसकी उपाधि नृप तथा महीपति की…
Read More » - 19 दिसम्बरइतिहास
चंदेल शासक यशोवर्मन् का इतिहास
गोविंद चतुर्थ के समय में आंतरिक कलह के कारण राष्ट्रकूटों की स्थिति भी खराब हो गयी थी तथा वे उत्तर…
Read More » - 11 दिसम्बरइतिहास
स्वतंत्र परमार साम्राज्य की स्थापना : हर्ष अथवा सीयक द्वितीय (945 – 972 ईस्वी)
इस समय प्रतिहार साम्राज्य पतन की अवस्था में था। इस स्थिति का लाभ उठाते हुये सीयक ने मालवा तथा गुजरात…
Read More » - 7 दिसम्बरइतिहास
शाकंभरी के चौहान वंश का राजनैतिक इतिहास
जांगलदेश के पहले राजा का नाम वासुदेव था। जिसने अजमेर के उत्तर में सांभर (शाकंभरी) क्षेत्र पर अपना अधिकार कर…
Read More » - नवम्बर- 2019 -12 नवम्बरइतिहास
प्राचीन भारतीय राजत्व की विशेषताएँ
अति प्राचीन काल से ही भारतीयों ने राजा एवं राजपद की महत्ता को समझा एवं सामाजिक व्यवस्था के लिये उसे…
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