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भैरोवाल की संधि कब हुई

भैरोवाल की संधि –

भैरोवाल की संधि (bhairoval ki sandhi) सिक्ख सरदारों के अनुरोध पर 30 दिसंबर, 1846 को पंजाब राज्य तथा कंपनी के मध्य नयी संधि संपन्न हुई जिसे भेरोवाल की संधि कहा जाता है। कुछ विद्वान इसे लाहौर की द्वितीय संधि के नाम से भी पुकारते हैं।

भैरोवाल की संधि

पंजाब का अंग्रेजी राज्य में विलय

इसकी मुख्य शर्तें निम्नलिखित थी-

  • महाराजा दलीपसिंह के वयस्क होने तक पंजाब राज्य का शासन एक परिषद को सौंपना तय किया गया। अंग्रेज रेजीडेण्ट को परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और उसे परिषद के आठों सदस्य मनोनीत करने का अधिकार दे दिया गया। रानी जिंदल को प्रशासन से बिल्कुल वंचित कर दिया गया।
  • कंपनी की सेना को पंजाब में रखने का फैसला किया गया और इसके लिए पंजाब राज्य ने 22 लाख रुपया वार्षिक कंपनी को देना तय किया।

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