धामेख स्तूप कहाँ स्थित है
धामेक स्तूप एक वृहत स्तूप है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के सारनाथ में स्थित है। यह एक बौद्ध धार्मिक स्थान है। धामेक स्तूप का निर्माण 500 ईस्वी में मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक द्वारा 249 ई.पू. में बनवाये गए एक पूर्व स्तूप के स्थान पर किया गया था। धामेख स्तूप की नीवं मौर्य शासन में अशोक के द्वारा डाली गई तथा इस स्तूप का निर्माण कुषाण काल में हुआ। धामेख स्तूप का निर्माण कार्य पूरा गुप्त काल में हुआ।

धामेख स्तूप का लेख निम्नलिखित राजवंशों की जानकारी प्रदान करता है-
- गौतम बुद्ध,
- अशोक तथा मौर्य काल,
- कुषाण काल,
- गुप्त काल
इस स्तूप में गौतम बुद्ध से जुड़ी निशानियाँ रखी गई हैं। यहाँ पास में ही एक अशोक स्तंभ भी है। ऐसा माना जाता है कि डीयर पार्क में स्थित धामेख स्तूप ही वह जगह है, जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति के बाद अपने शिष्यों को पहला उपदेश दिया था। महात्मा बुद्ध के उपदेश। यहीं पर उन्होंने आर्य अष्टांग मार्ग की अवधारणा को बतलाया था, जिस पर चलकर व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। इस स्तूप को छ: बार खड़ा किया गया। इसके बावजूद इसका ऊपरी हिस्सा अधूरा ही रहा।
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यह सारनाथ की सबसे आकर्षक संरचना है। इसका आकार सिलेंडर के आकार का है।
शिलापट्ट
कनिंघम ने सर्वप्रथम इस स्तूप के मध्य खुदाई कराकर लगभग तीन फुट नीचे एक शिलापट्ट प्राप्त किया था। इस शिलापट्ट पर सातवीं शताब्दी की लिपि में ये धर्महेतु प्रभवा मंच अंकित था।
Reference : https://www.indiaolddays.com