05 नवम्बर : विश्व सुनामी जागरूकता दिवस कब मनाया जाता है
कई बार परिक्षाओं में विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के बारे में पूछा जाता है, कि विश्व सुनामी दिवस क्या है, तथा यह कब और क्यों मनाया जाता ? इस पोस्ट में इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश की गयी है। यह दिवस सुनामी के बारे में जागरूकता के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का इतिहास (वर्ल्ड सुनामी अवेयरनेस डे)– सुनामी शब्द का नाम जापानी tsu से बना है जिसका अर्थ है बंदरगाह और nami का अर्थ है लहर।सुनामी पानी के नीचे उत्पन्न हुई अशांति द्वारा बनी बङी लहरों की एक श्रृंखला है। ये लहरें आमतौर पर भूकंप से संबंधित होती हैं। जो कि सागर के आसपास होती हैं।हालांकि सुनामी तुलनात्मक रूप से प्राकृतिक आपदा का एक असाधारण प्रकार है, लेकिन यह दुनियाभर के कई देशों में अशांति एवं विनाश का कारण बनता है। सुनामी दुनिया के लिये एक भयंकर खतरा है, इसके साथ ही यह विकास को भी रोकती है।
मार्च 2015 में संयुक्त राष्ट्र में आयोजित तीसरा WCDRR (World Conference On Disaster Risk Reduction ) में आपदा जोखिम को कम करने के लिये सेंडाई फ्रेमवर्क को अपनाया गया। सेंडाई में आयोजित सम्मेलन में सस्टेनेबव डवलपमेंट के लिये 230 के एजेंडा को प्रस्ताविक किया गया था। इसने जापान और अन्य देशों के साथ एक विशेष दिन को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में समर्पित किया । इसे यूएन द्वारा नामित किया गया। 5 नवंबर को इनामुरा-नो-हाय की प्रसिद्ध जापानी कथा के सम्मान में विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में चुना गया था जिसका अर्थ है – चावल के झुंडों का जलाना। विर्ष 1854 में एक किसान ने भूकंप के दोरान देखा कि ज्वार कम हो रहा है जो कि आने वाली सुनामी का संकेत है। ग्रामीणों को चेतावनी देने के लिये अपनी पूरी फसल आग में जला दी। परिणामस्वरूप सभी लोग वहाँ से किसी ऊँची जगह पर चले गये । बाद में उस किसान ने भविष्य में आने वाले ज्वारों के खिलाफ एक बाधा के रूप में पौधों के एक तटबंध का निर्माण किया।
सुनामी क्या है
सुनामी बङी लहरें हैं, जो समुद्र के किनारों पर उत्पन्न होती हैं, जो मुख्य रूप से भूस्खलन एवं भूकंप से जुङी होती हैं। कई अन्य प्राकृतिक आपदाओं की भाँति सुनामी की भविष्यवाणी करना भी मुश्किल है। लेकिन यह सुझाव दिया जा सकता है, कि भूकंपीय सक्रिय क्षेत्रों में इसका प्रभाव अधिक होता है।
समुद्री तूफान – को जापानी भाषा में सुनामी बोलते हैं, यानी बन्दरगाह के निकट की लहर। ये बहुत लम्बी – यानी सैकड़ों किलोमीटर चौड़ाई वाली लहरें होती हैं, लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है। इनकी गति 420 किलोमीटर प्रति घण्टा तक और ऊँचाई 10 से 18 मीटर तक हो सकती है। अक्सर समुद्री भूकम्पों की वजह से ये तूफान पैदा होते हैं। प्रशान्त महासागर में बहुत आम हैं, पर बंगाल की खाड़ी, हिन्द महासागर व अरब सागर में नहीं। इसीलिए शायद भारतीय भाषाओं में इनके लिए विशिष्ट नाम नहीं है।
सुनामी के कारण
सुनामी लहरें अत्यधिक खतरनाक होती हैं। और आमतौर पर पानी की मजूत दीवारों जैसी लगती हैं।मजबूत लहरें समुद्र तट पर घंटों तक हमला करती हैं। जिससे हजारों जिंदगीयों का नाश हो जाता है। सुनामी के कई कारण हैं, जैसे पनडुब्बी भूस्खलन, भूकंप, तटीय पत्थर का टूटना, ज्वालामुखी विस्फोट या अलगाववादी टकराव।
क्या कारवाई करनी चाहिये
प्रतीरक्षात्मक उपायों का फायदा लेने के लिये सुनामी के प्राकृतिक चेतावनी के लक्षणों को पहचानना महत्त्वपूर्ण है। चूंकि जोरदार भूकंप के कारण सुनामी आ सकती है। इसलिये पृथ्वी के झटकों को समझना चाहिए।
सुनामी समुद्र के तेजी से गिरते स्तर के कारण भी पैदा हो सकती है। यदि आप पानी में जबरदस्त हलचल देखते हैं, या फिर पानी में कंपन महसूस करते हैं, तो हमें समझ लेना चाहिये कि यह सुनामी है।सुनामी एक विमान या ट्रेन की भाँति गङगङाहट की आवाज उत्पन्न करती है। यदि आप इन सभी लक्षणों को दखते हैं, तो उस जगह को छोङ दें।
सुनामी अग्रिम चेतावनी केंद्र
भारत में भारतीय सुनामी अग्रिम चेतावनी केंद्र (आईटीईडब्ल्यूसी) वर्ष 2007 से काम कर रहा है। अब यह हैदराबाद स्थित भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) के जरिए पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के लिए सुनामी वॉच प्रोवाइडर (आरटीडब्ल्यूपी) के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहा है।
यह केंद्र हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाले और सुनामी पैदा कर सकने में सक्षम भूकंपों का 10 मिनट के भीतर पता लगाने में सक्षम है और संबद्ध अधिकारियों को इसकी चेतावनी 20 मिनट में जारी कर देता है।
सुनामी दिवस से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य
- उल्लेखनीय है कि दिसंबर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 5 नवंबर को इस दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
- पहला विश्व सुनामी जागरूकता दिवस 5 नवम्बर 2016 को पूरे विश्वभर में मनाया गया था। वर्ष 2016 के विश्व सुनामी जागरूकता दिवस का विषय था: “इफेक्टिव एजुकेशन एंड एवैकुएशन ड्रिल।” यह जागरूकता दिवस आपदा जोखिम न्यूनीकरण वर्ष 2016 के एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तथा संयुक्त राष्ट्र के आपदा जोखिम न्यूनीकरण के आपसी सहयोग (UNISDR) से नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
- इस दिवस का उद्देश्य सुनामी के खतरों और इसके प्रभाव को कम करने हेतु चेतावनी प्रणालियों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
Reference : https://www.indiaolddays.com