इतिहासप्राचीन भारत

सेन शासकों का इतिहास

सेन राजवंश एक राजवंश का नाम था, जिसने 12वीं शताब्दी के मध्य से बंगाल पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। सेन राजवंश ने बंगाल पर 160 वर्ष तक राज किया। इस वंश का मूलस्थान कर्नाटक था तथा ये सेन (नाई )जाति के थे।

पालों के बाद सेन परिवार ने बंगाल पर शासन किया। उसका संस्थापक सामंतसेन था, जिसे ब्रह्मक्षत्रिय कहा जाता था। ब्रह्मक्षत्रिय की उपाधि से लगता है, कि सामंतसेन ब्राह्मण था, लेकिन उसके उत्तराधिकारियों ने स्वयं को सिर्फ क्षत्रिय कहा। सामंतसेन के पुत्र हेमंतसेन ने बंगाल की अस्थिर राजनीतिक स्थिति का फायदा उठाते हुये एक स्वतंत्र राज्य बनाया।

विजयसेन

हेमंतसेन के पुत्र विजयसेन ने 60 वर्ष के अपने लंबे शासनकाल में सेन परिवार को लोक प्रसिद्धी प्रदान की। अपने जीवन की शुरूआत एक साधारण सरदार के रूप में कर विजयसेन ने लगभग समस्त बंगाल को जीता तथा इस परिवार की महानता की नींव डाली।

विजयसेन ने परमेश्वर, परमभट्टारक, महाराजाधिराज जैसी कई अन्य शाही उपाधियां धारण की। उसकी दो राजधानियां थी – एक पश्चिमी बंगाल में विजयपुरी तथा दूसरी, बांगलादेश में विक्रमपुरा। प्रसिद्ध कवि श्री हर्ष ने उसकी स्मृति में विजय प्रशस्ति की रचना की।

बल्लाल सेन

विजयसेन का उत्तराधिकारी उसका पुत्र बल्लालसेन था। उसका शासनकाल सामान्य तथा शांतिपूर्ण रहा तथा उसने अपने पिता से प्राप्त राज्य क्षेत्र को ज्यों का त्यों बचाए रखा। बल्लालसेन महान विद्वान था। उसने चार पुस्तकें लिखी। जिनमें से दो ही अभी प्राप्त हैं। ये हैं- दानसागर तथा अद्भुत सागर । पहली पुस्तक शकुन-अपशकुन पर है, जबकि दूसरी पुस्तक का विषय खगोल विषय है।

लक्ष्मण सेन

लक्ष्मण सेन 60 वर्ष की उम्र में 1179 ई. में अपने पिता का उत्तराधिकारी बना। अपने शासन काल के अंत में उसे कई समस्याओं का सामना करना पङा। आंतरिक विद्रोहों से कमजोर हुई सेन शक्ति को बख्तियार खिलजी के आक्रमण ने ध्वस्त कर दिया। तबकात-इ-नासिटी में बख्तियार खिलजी के आक्रमण का विस्तृत विवरण मिलता है।

लक्ष्मण सेन का शासनकाल साहित्यिक गतिविधियों के संरक्षण के लिये महत्त्वपूर्ण माना जाता है। वह धर्मपरायण वैष्णव था। गीत गोविंद के लेखक तथा बंगाल के प्रसिद्ध वैष्णव कवि जयदेव उसके दरबार में रहते थे। पवनदूत के लेखक धोयी तथा आर्यशप्त के लेखक गोवर्धन अन्य प्रसिद्ध कवि थे, जो उसके दरबार में थे। स्वयं लक्ष्मण सेन ने अपने पिता द्वारा शुरू किये गये अद्भुत सागर नामक पुस्तक को पूर्ण किया। तबकात-ई-नासिटी के अनुसार लक्ष्मण सेन के वंशज बंगाल के कुछ हिस्सों पर कुछ दिन तक शासन करते रहे।

References :
1. पुस्तक- भारत का इतिहास, लेखक- के.कृष्ण रेड्डी

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