आधुनिक भारतइतिहासविदेशी सम्बन्ध

भारत पाकिस्तान संबंध इन हिन्दी

भारतीय नेताओं को यह आशा थी, कि देश विभाजन के बाद शांति और आपसी मेलजोल को बढावा मिलेगा। किन्तु पाकिस्तान के विभाजन के साथ ही कुछ ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो गयी, जिसके कारण दोनों देशों के मध्य संबंधों में कटुता आ गई।जैसे- हैदराबाद विवाद, जूनागढ विवाद, ऋण अदायगी का प्रश्न, नहर पानी विवाद और कश्मीर विवाद आदि।

मुस्लिम लीग और पाकिस्तान की माँग।

भारत पाक विभाजन के बाद नहरों के पानी के बंटवारे को लेकर दोनों देशों में विवाद उत्पन्न हो गया। 1947 में एक अमेरिकी विशेषज्ञ डेविड लिलियेन्थल ने इस समस्या को राजनीतिक स्तर से हटाकर तकनीकी एवं व्यापारिक स्तर पर सुलझाने की सलाह दी और इसके लिए विश्व बैंक से मदद लेने की सिफारिश की।

सितंबर, 1951 में विश्व बैंक के अध्यक्ष यूजीन ब्लेक का मध्यस्थता में एवं इसके बाद 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच जल विभाजन के प्रश्न पर समझौता हो गया, जिसे 1960 का सिंधु-जल वितरण संधि कहा जाता है।

इस संधि पर भारतीय प्रधानमंत्री नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अय्यूब खां ने रावलपिंडी ( करांची ) में हस्ताक्षर किये और 12 जनवरी, 1961 से इस संधि की शर्तों को लागू कर दिया गया।

1949 में यद्ध विराम रेखा निर्धारित हो जाने पर पाकिस्तान के हाथ कश्मीर का 32,000 वर्ग मील क्षेत्र चला गया, जबकि नियंत्रण रेखा के इस पार का 53,000 वर्ग मील भारत के अधिकार में रह गया।

अगस्त, 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने जनमत संग्रह के प्रश्न पर यह शर्त लगा दी कि पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर, जिसे पाकिस्तान आजाद कश्मीर के नाम से संबोधित करता था, क्षेत्र से जब पाक सेना एवं कबाइली पूर्णतया हट जायेंगे तभी जनमत संग्रह होगा।

परंतु पाकिस्तान आजाद कश्मीर से अपनी सेनाएं हटाने के लिये तैयार न था। और बिना सेना हटाएं जनमत संग्रह हो नहीं सकता था।

1954 में पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ एक सैनिक संधि कर ली और इस प्रकार वह सीटो का सदस्य बन गया। इसी प्रकार 1955 में बगदाद पैक्ट ( सेन्टो ) का भी सदस्य हो गया।

सीटो समझौता क्या था?

बगदाद पैक्ट ( सेन्टो ) समझौता क्या था?

1950 में नेहरू ने पाकिस्तान से युद्ध वर्जन संधि करने का प्रस्ताव रखा किन्तु पाकिस्तान ने उसे ठुकरा दिया।

6 फरवरी , 1954 में कश्मीर की संविधान सभा ने एक प्रस्ताव पास कर जम्मू कश्मीर राज्य के भारत में विलय जो महाराज हरीसिंह द्वारा 26 अक्टूबर, 1947 में ही कर दिया गया था-की पुष्टि कर दी।

भारत सरकार ने भारतीय संविधान में संशोधन कर 14 मई, 1954 को अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया।

26 जनवरी, 1957 को जम्मू-कश्मीर का संविधान लागू हो गया और इसके साथ ही कश्मीर भारतीय संघ का एक अभिन्न अंग बन गया।

अप्रैल 1965 में कच्छ के रन को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच पुनः संघर्ष शुरू हो गया।

पाकिस्तानी सेना की दो टुकङियां भारतीय क्षेत्र में आ घुसी और कच्छ के कई भागों में अधिकार कर लिया।

4 एवं 5 अगस्त 1965 को हजारों पाकिस्तानी छापामार सैनिक कश्मीर में घुस आये, इसी बीच पाकिस्तान की नियमित सेना ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा को पार करके भारतीय भू-भाग पर आक्रमण कर दिया और पूर्ण रूप से युद्ध प्रारंभ हो गया।

4 सितंबर, 1965 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने एक प्रस्ताव पास कर भारत और पाकिस्तान दोनों से युद्ध- विराम की अपील की। फलस्वरूप 22 सितंबर, 1965 को युद्ध बंद हो गया।

ब्रिटिश मध्यस्थता के परिणामस्वरूप 30 जून, 1965 को भारत तथा पाकिस्तान के बीच युद्ध-विराम समझौता किया गया। किन्तु यह समझौता अस्थायी सिद्ध हुआ।

भारत पाक के बीच हुये प्रमुख समझौते निम्नलिखित हैं-

ताशकंद समझौता ( 10 जनवरी, 1966 )

शिमला समझौता ( 3 जुलाई, 1972 )

Reference : https://www.indiaolddays.com/

Related Articles

error: Content is protected !!