प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल धारा नगरी
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित धार अथवा धारा नगरी मालवा के सुप्रसिद्ध परमार शासक भोज की राजधानी थी। उसने अपनी राजधानी उज्जयिनी से हटाकर इसी नगर में स्थापित किया था। इस नगर को भोज ने विविध प्रकार से अलंकृत करवाया। यह विद्या और कला का प्रसिद्ध केन्द्र बन गयी। यहाँ विद्वानों का जमघट लगा रहता था।
भोज ने यहाँ सरस्वती का मन्दिर बनवाया तथा उसने एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्यालय स्थापित करवाया था। ऐसी अनुश्रुति है कि वह धारा में प्रत्येक कवि को प्रत्येक श्लोक पर एक लाख मुद्रायें प्रदान करता था। सरस्वती मन्दिर के समीप भोज ने एक विजयस्तम्भ स्थापित किया तथा भोजपुर नामक नगर की स्थापना करवायी। कहा जाता है कि भोज की मृत्यु से धारा, सरस्वती तथा विद्वान् सभी निराश्रित हो गये थे-
“अद्य धारा निराधारा निरालम्बा सरस्वती। पण्डिता खण्डिता सर्वे भोजराजे दिवं गते।।”
परमारों के बाद धारा पर मुसलमानों का अधिकार हो गया।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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