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पानीपत का द्वितीय युद्ध किस-किसके मध्य हुआ?

पानीपत का द्वितीय युद्ध

पानीपत का द्वितीय युद्ध ((Second Battle of Panipat))


पानीपत का तृतीय युद्ध
अकबर का जीवन परिचय
बाबर द्वारा किये गये युद्ध

पानीपत का द्वितीय युद्ध (panipat ka dvitiy yuddh) 5 नवंबर 1556ई.

पानीपत का द्वितीय युद्ध
  • पानीपत की द्वितीय लड़ाई अकबर (मुगल वंश के शासक) और मुहम्मद आदिल शाह (पश्तून सूरी राजवंश के शासक) के बीच उनके प्रधानमंत्री हेमू के साथ लड़ाई लड़ी गई।
  • वास्तविक रूप से यह युद्ध अकबर के मुख्यमंत्री बैरम खां एवं आदिल शाह के प्रधानमंत्री हेमू के मध्य लङा गया था।
  • यह युद्ध 5 नवंबर, 1556 ई. में लङा गया था।
  • युद्ध दोनों पक्षों के मजबूत प्रतिद्वंद्वियों के साथ पानीपत में लड़ा गया था। हेमू की 1500 युद्ध हाथियों के साथ एक बड़ी सेना थी, हेमू की आंख में एक तीर लगा जिससे वह बेहोश हो गया,, सेना अपने बेहोश नेता को देखकर डर गई। मुगलों ने युद्ध में जीत के साथ मुकुट पहना और युद्ध की समाप्ति हुई।

पानीपत का द्वितीय युद्ध के कारण-

1556 में, अकबर ने अपने पिता का सिंहासन सफलतापूर्वक संभाला, उस समय मुगल काबुल, कंधार और दिल्ली और पंजाब के कुछ हिस्सों में फैले थे। हेमू (हेमचन्द्र विक्रमादित्य) उस समय अफगान सुल्तान मोहम्मद आदिल शाह के सेना प्रमुख थे, जो चुनार के शासक थे। आदिल शाह भारत से मुगलों का शासन खत्म करना चाहता था।

पानीपत का द्वितीय युद्ध के परिणाम –

  • पानीपत की दूसरी लड़ाई ने भारत में अकबर के शासन की शुरुआत की थी।
  • पानीपत की दूसरी लड़ाई के फलस्वरूप दिल्ली और आगरा अकबर के कब्जे में आ गए। इस लड़ाई के फलस्वरूप दिल्ली के तख़्त के लिए मुगलों और अफगानों के बीच चलनेवाला संघर्ष अंतिम रूप से मुगलों के पक्ष में निर्णीत हो गया और अगले तीन सौ वर्षों तक दिल्ली का तख़्त मुगलों के पास रहा।

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