प्राचीन भारतइतिहासकण्व वंश

कण्व वंश का संस्थापक कौन था

कण्व वंश का संस्थापक वसुदेव था। वसुदेव ने 75 ई.पू.में देवभूति (शुंग वंश का अंतिम शासक) की हत्या करके कण्व वंश की स्थापना की।सुदर्शन कण्व की हत्या 30 ई.पू. में सिमुक सातवाहन ने करी तथा सातवाहन वंश की स्थापना करी थी। सिमुक सुदर्शन का अधिकारी ही था।

शुंग वंश की उत्पत्ति एवं राजवंश।

कण्व राजवंश-

शुंग वंश का अंतिम राजा देवभूति अत्यंत निर्बल तथा विलासी था। वह अपने शासन के अंतिम दिनों में अपने अमात्य वसुदेव के षड्यंत्रों द्वारा मार डाला गया। हर्षचरित में इस घटना का वर्णन इस प्रकार दिया गया है, कि शुंगों के अमात्य वसुदेवने रानी के वेष में देवभूति की दासी की पुत्री द्वारा स्री-प्रसंग में अति आशक्त एवं कामदेव के वशीभूति देवभूति की हत्या कर दी।

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विष्णु पुराण में भी इस घटना की पुष्टि इस प्रकार की गयी है शुंग वंश के राजा देवभूति को उसका अमात्य कण्व वसुदेव मारकर पृथ्वी पर शसान करेगा।

वसुदेव ने जिस नवीन राजवंश की नींव डाली वह कण्व अथवा कण्वायन नाम से जाना जाता है। शुंगों के समान यह भी एक ब्राह्मण वंश ही था।

वैदिक धर्म एवं संस्कृति संरक्षण की जो परंपरा शुंगों ने चलाई थी। वह इस समय भी कायम रही। वासुदेव ने कुल 9 वर्षों तक राज्य किया।

क्रमानुसार कण्व वंश के शासक निम्नानुसार हैं-

  1. वसुदेव (इसने 9 वर्षों तक शासन किया।)
  2. भूमिमित्र (14 वर्षों तक)
  3. नारायण (12 वर्षों तक)
  4. सुशर्मन (10 वर्षों तक)

कण्व वंश के चार राजाओं ने ईसा पूर्व 75 से ईसा पूर्व 30 तक शासन किया।

वायुपुराण के अनुसार सुशर्मा कण्व वंश का अंतिम शासक था। सुशर्मा अपने आंध्रजातीय भृत्य सिमुख (सिन्धुक) द्वारा मार डाला गया। तथा इसी के साथ ही कण्व वंश की समाप्ति हुई।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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