नवसाहसांकचरित नामक पुस्तक की रचना किसने की
नवसाहसांकचरित( navasaahasaankacharit ) प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है। नवसाहसांकचरित के रचयिता पद्मगुप्त परिमल(Padmagupta parimal) थे।
पद्मगुप्त, परमार शासक मुंज (992-998) के आश्रित कवि थे। पद्मगुप्त का उपनाम परिमल था।
परमार वंश के शासक मुंज का इतिहास।
परमार वंश के शासक सिंधुराज का इतिहास।
11शता. में पदमगुप्त परिमल द्वारा रचित इस ग्रंथ से परमार वंश के शासक सिंधुराज के इतिहास का पता चलता है। सिंधुराज मुंज का छोटा भाई था। नवसाहसांकचरित से पता चलता है, कि सिंधुराज ने कुंतलेश्वर द्वारा अधिग्रहीत अपने राज्य को तलवार के बल पर पुनः अपने अधिकार में किया था। यहां कुंतलेश्वर से तात्पर्य सत्याश्रय से ही है। उसके बाद उसने अन्य स्थानों की विजय का कार्य प्रारंभ किया।
इस ग्रंथ को संस्कृत साहित्य का प्रथम ऐतिहासिक महाकाव्य माना जाता है।
पद्मगुप्त जो एक महान विद्वान था, सिंधुराज को लाट, कोशल, अपरांत तथा मुरल का विजेता बताता है। कोशल जो वर्तमान में छतीसगढ राज्य में स्थित था। लाट का प्रदेश गुजरात में था, जहां कल्याणी के चालुक्य सामंत गोग्गीराज शासन कर रहा था। सिंधुराज ने उस पर आक्रमण कर उसे परास्त कर किया तथा वहीं से अपरांत (कोंकण) की विजय की, जहां शिलाहार वंश का शासन था।शिलाहारों ने उसकी अधीनता स्वीकार कर ली थी।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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