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प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल पद्मावती

मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप वर्तमान पद्मपवैया नामक स्थान ही प्राचीन काल का पद्मावती था। यहाँ तृतीय-चतुर्थ शती में नागराजाओं की राजधानी थी। यहाँ के नाग लोग शैव के अनन्य भक्त थे। वे अपने कन्धों पर शिवलिंग वहन करते थे, अतः उन्हें भारशिव नाग कहा गया।

शैव तथा भागवत धर्म से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य।

समुन्द्रगुप्त के समय में पद्मावती का शासक नागसेन था जिसका उल्लेख प्रयाग-प्रशस्ति में मिलता है। समुन्द्रगुप्त ने उसका उन्मूलन किया।

प्रयाग प्रशस्ति का लेखक कौन था?

पद्मावती से नाग राजाओं के कई सिक्के तथा ईंटों के बने हुए एक विशाल भवन के अवशेष मिलते है। भवन राजप्रासाद प्रतीत होता है। कवि भवभूति ने अपने ग्रन्थ ‘मालतीमाधव’ में पद्मावती नगर के सौदर्य का वर्णन किया है।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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