सुहरावर्दी सम्प्रदाय भारत के उत्तर-पश्चिमी सीमा क्षेत्र में अधिक प्रभावित था। शेख शिहाबुद्दीन सुहरावर्दी इस सम्प्रदाय के प्रणेता थे। उनके शिष्यों में शेख हमीदुद्दीन नागौरी और मुल्तान के शेख बहाउद्दीन जकारिया विशेष प्रसिद्ध थे। भारत में इस सिलसिला द्वारा अपनायी गयी रीति-रिवाजों का त्याग कर दिया गया।
जकारिया को धन इकट्ठा करने से नफरत थी। वे राजनीतिक मसलों में भी भाग लेते थे। बहाउद्दीन के पुत्र सहरुद्दीन आरिफ मुल्तान में तथा शिष्य सैयद जलालुद्दीन खुर्श बुखारी सिन्ध में सक्रिय थे। सुहरावर्दी सम्प्रदाय का सामाजिक आधार उच्च वर्ग था। ये सुहरावर्दी धर्म परिवर्तन पर जोर देते थे।
सुहरावर्दी सूफी सम्प्रदाय की एक प्रमुख शाखा फिरदौसिया थी। इसका मुख्य कार्य क्षेत्र बिहार था और शेख शर्फुद्दीन यह्या इसके प्रसिद्ध विद्वान थे। इन्होंने काफी पत्र छोङे हैं, जिनको मक्तूवात के नाम से जाना जाता है।
शेख शर्फुद्दीन विद्वान और विचारक होने के साथ-साथ सक्रिय पथ-प्रदर्शक भी थे और मानवता की सेवा पर जोर देते थे।
संप्रदाय क्या होता है? विभिन्न संप्रदायों के बारे में जानकारी।