काञ्ची
- मई- 2020 -28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
Read More » - 26 मईइतिहास
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
Read More » - 24 मईइतिहास
चोल काल में ग्राम शासन व्यवस्था कैसी थी
चोल शासन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता है- असाधारण शक्ति तथा क्षमता है, जो स्वायत्तशासी ग्रामीण संस्थाओं के संचालन में परिलक्षित…
Read More » - 14 मईइतिहास
पल्लव काल में नंदिवर्मन कला शैली(800-900ई.)
पल्लव काल में नंदिवर्मन कला शैली में छोटे मंदिरों का निर्माण हुआ। इसके उदाहरण काञ्ची के मुक्तेश्वर एवं मातंगेश्वर मंदिर,…
Read More » - 11 मईइतिहास
पल्लवकालीन साहित्य का इतिहास
पल्लव राजाओं का शासन संस्कृत तथा तमिल दोनों ही भाषाओं के साहित्य की उन्नति का काल रहा। कुछ पल्लव नरेश…
Read More » - 11 मईइतिहास
पल्लव शासकों का धार्मिक जीवन
पल्लव राजाओं का शासन काल दक्षिण भारत के इतिहास में ब्राह्मण धर्म की उन्नति का काल रहा। इस काल के…
Read More » - 10 मईइतिहास
पल्लव काल में शासन व्यवस्था कैसी थी
शासन का सर्वोच्च अधिकारी राजा होता था। उसकी उत्पत्ति दैवी मानी जाती थी। पल्लव नरेश अपनी उत्पत्ति ब्रह्मा से मानते…
Read More » - 9 मईइतिहास
अपराजित पल्लव वंश का शासक था
कीञ्ची के पल्लव वंश का शक्तिशाली तथा अंतिम महत्त्वपूर्ण शासक अपराजित था।
Read More » - फरवरी- 2020 -1 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल काञ्ची
वर्तमान तमिलनाडु का कंजीवरम् नामक जनपद ही प्राचीन काल में काञ्ची अथवा काञ्चीपुरम् नाम से विख्यात था। यह दक्षिणी भारत…
Read More » - जनवरी- 2020 -12 जनवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल : अवमुक्त
ब्रह्म पुराण से पता चलता है कि यह स्थान गोदावरी नदी केे तट पर स्थित था। समुद्रगुप्त के प्रयाग स्तम्भ…
Read More »