भारवि
- मार्च- 2021 -18 मार्चइतिहास
चंद्रगुप्त द्वितीय का विद्या प्रेम एवं शासन प्रबंध की स्लाइड
चंद्रगुप्त द्वितीय युद्ध क्षेत्र में जितना महान था, शांति काल में उससे कहीं अधिक कर्मठ था। वह स्वयं विद्वान एवं…
Read More » - जुलाई- 2020 -26 जुलाईइतिहास
किरातार्जुनीयम् नामक महाकाव्य के रचयिता कौन थे
किरातार्जुनीयम् प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में से एक है। इसे एक उत्कृष्ट काव्य रचना माना जाता है। इसके रचनाकार महाकवि…
Read More » - जून- 2020 -22 जूनइतिहास
प्राचीन भारतीय शिक्षा तथा साहित्य
प्राचीन भारतीय सभ्यता विश्व की सर्वाधिक रोचक तथा महत्त्वपूर्ण सभ्यताओं में एक है। इस सभ्यता के समुचित ज्ञान के लिये…
Read More » - 13 जूनइतिहास
भारवि नामक संस्कृत कवि की जानकारी
कालिदास के बाद संस्कृत कवियों में भारवि का ऊँचा स्थान है, जो लगभग कालिदास के ही समकालीन थे। उनमें कालिदास…
Read More » - मई- 2020 -11 मईइतिहास
पल्लवकालीन साहित्य का इतिहास
पल्लव राजाओं का शासन संस्कृत तथा तमिल दोनों ही भाषाओं के साहित्य की उन्नति का काल रहा। कुछ पल्लव नरेश…
Read More » - 4 मईइतिहास
कांची के पल्लव शासक सिंहविष्णु का इतिहास
महान पल्लव शासकों की सूची में सर्वप्रथम सिंहवर्मन के पुत्र तथा उत्तराधिकारी सिंहवषिष्णु (575-600ई.) का नाम आता है।
Read More » - अप्रैल- 2020 -20 अप्रैलइतिहास
चालुक्यों का साहित्य
चालुक्य शासकों के काल में साहित्य, धर्म, कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। ह्वेनसांग चालुक्य राज्य के लोगों को…
Read More » - 1 अप्रैलइतिहास
ऐहोल अभिलेख का हिन्दी भाषांतर
कर्नाटक राज्य के बीजापुर जिले में यह स्थान स्थित है। यहाँ से चालुक्य शासक पुलकेशिन् द्वितीय का लेख मिलता है…
Read More » - मार्च- 2020 -3 मार्चइतिहास
बादामी (वातापी) का चालुक्य वंश के इतिहास की जानकारी के साधन
मी (वातापी) के चालुक्य वंश के इतिहास के प्रामाणिक स्रोत अभिलेख हैं। इनमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चालुक्य शासक पुलकेशिन् द्वितीय का…
Read More » - फरवरी- 2020 -1 फ़रवरीइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल काञ्ची
वर्तमान तमिलनाडु का कंजीवरम् नामक जनपद ही प्राचीन काल में काञ्ची अथवा काञ्चीपुरम् नाम से विख्यात था। यह दक्षिणी भारत…
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