भास
- अप्रैल- 2021 -11 अप्रैलइतिहास
हर्ष के समय में साहित्य तथा शिक्षा की स्लाइड
हर्षवर्धन स्वयं एक उच्चकोटि का विद्वान था, अतः अपने शासन काल में उसने शिक्षा एवं साहित्य की उन्नति को पर्याप्त…
Read More » - 10 अप्रैलइतिहास
हर्षवर्धन का प्रारंभिक जीवन तथा इसके द्वारा रचित ग्रंथ की स्लाइड
गुप्त साम्राज्य के विघटन के बाद उत्तर भारत में जिस राजनैतिक विकेन्द्रीकरण के युग का आरंभ हुआ, हर्षवर्द्धन के राज्यारोहण…
Read More » - फरवरी- 2021 -15 फ़रवरीइतिहास
अश्वघोष संस्कृत के प्रमुख लेखक की जानकारी
संस्कृत के कवियों में अश्वघोष का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वे कनिष्क प्रथम (78 ई.) की राजसभा में निवास करते…
Read More » - 13 फ़रवरीइतिहास
गुणाढ्य की रचनाऐं के बारे में जानकारी
प्राचीन साहित्य के कथाकारों में गुणाढ्य का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वह सातवाहन नरेश हाल (प्रथम-द्वितीय शती.)का दरबारी कवि था।…
Read More » - जून- 2020 -22 जूनइतिहास
प्राचीन भारतीय शिक्षा तथा साहित्य
प्राचीन भारतीय सभ्यता विश्व की सर्वाधिक रोचक तथा महत्त्वपूर्ण सभ्यताओं में एक है। इस सभ्यता के समुचित ज्ञान के लिये…
Read More » - 21 जूनइतिहास
गुणाढ्य की रचनायें
प्राचीन साहित्य के कथाकारों में गुणाढ्य का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वह सातवाहन नरेश हाल (प्रथम-द्वितीय शती.)का दरबारी कवि था।…
Read More » - 14 जूनइतिहास
भास नामक प्रसिद्ध नाट्यकार
संस्कृत नाटककारों में भास का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वे कालिदास के पूर्ववर्ती हैं। सबसे पहले 1909 ई. में गणपति…
Read More » - 12 जूनइतिहास
अश्वघोष संस्कृत के प्रमुख लेखक थे
संस्कृत के कवियों में अश्वघोष का नाम सर्वप्रथम उल्लेखनीय है। वे कनिष्क प्रथम (78 ई.) की राजसभा में निवास करते…
Read More » - मई- 2020 -6 मईइतिहास
नरसिंहवर्मन द्वितीय का संबंध किस प्राचीन राजवंश से था
नरसिंहवर्मन द्वितीय पल्लव शासक परमेश्वरवर्मन का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था, जिसने लगभग 700 ई. से 728 ई. तक राज्य किया।
Read More » - अक्टूबर- 2019 -30 अक्टूबरइतिहास
हर्षवर्धन द्वारा रचित ग्रंथों के नाम
इत्सिंग भी बाताता है, कि हर्ष एक साहित्यिक व्यक्ति था। अपने दरबारियों की काव्यात्मक रचनाओं के लिये भी वह उत्तरदायी…
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