वेद
- फरवरी- 2018 -7 फ़रवरीप्राचीन भारत
सप्त सैंधव प्रदेश (आर्यावर्त ) : आर्यों ( हिन्दूओं ) का प्रारंभिक स्थल
सप्त सैंधव प्रदेश अथवा सप्त सिंधु आर्य लोगों का प्रारंभिक निवास स्थल माना जाता है। वेदों में गंगा, गोदावरी, यमुना,…
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भारतीय हिन्दू दर्शन : षड्दर्शन
आस्तिक दर्शन (षड्दर्शन) भारतीय दर्शन परंपरा में उन दर्शनों को कहा जाता है, जो वेदों को प्रमाण मानते थे।भारत में…
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पंच महायज्ञ एवं पंच ऋण
पंच महायज्ञ हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण बताये गए हैं। धर्मशास्त्रों ने भी हर गृहस्थ को प्रतिदिन पंच महायज्ञ…
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वैदिक कालीन त्रि ऋण
तीन ऋणों का पालन एक गृहस्थ को करना पङता था। देव ऋण- मनुष्य के भाग्य निर्धारण में देवताओं की भूमिका…
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मनुष्य जीवन के चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष
हिन्दू धर्म में पुरुषार्थ से तात्पर्य मानव के लक्ष्य या उद्येश्य से है। पुरुषार्थ =पुरुष +अर्थ अर्थात मानव को क्या…
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चार हिन्दू आश्रम व्यवस्था क्या थी
3 आश्रमों का विधान उत्तरवैदिक काल में हुआ। ब्रह्मचर्य आश्रमगृहस्थ आश्रमवानप्रस्थ आश्रम। संयास आश्रम पर अवैदिक परंपराओं (श्रमण परंपरा-जैन, बौद्ध…
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चार वर्ण या जाति व्यवस्था क्या थी
उत्तर वैदिक काल चार वर्णों में विभक्त था । ये चारों वर्ण अपने-अपने वर्ण के अनुसार कार्य करते थे। ब्राह्मण-…
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उपनिषद क्या हैं
उपनिषद(upanishad) शब्द का अर्थ- विद्वानों ने उपनिषद(upanishad) शब्द की व्युत्पत्ति उप+ नि + षद के रूप में मानी है। इसका…
Read More » - जनवरी- 2018 -31 जनवरीप्रश्न एवं उत्तर
वैदिक काल : महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
उत्तर वैदेक युग में उत्तरी बिहार के आर्यीकरण का श्रेय विदेह माधव को दिया जाता है।
Read More » - 30 जनवरीप्राचीन भारत
ब्राह्मण ग्रंथ क्या हैं
ब्राह्मण ग्रंथ यज्ञों तथा कर्मकांडों के विधान और इनकी क्रियाओं को समझने के लिएआवश्यक होते हैं। इनकी भाषा वैदिक संस्कृत…
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