हरिषेण
- अप्रैल- 2021 -2 अप्रैलइतिहास
गुप्त काल में स्तूप तथा गुहा स्थापत्य कला की स्लाइड
स्तूप का शाब्दिक अर्थ "ढेर" होता है। यह एक गोल टीले के आकार की संरचना है जिसका प्रयोग पवित्र बौद्ध…
Read More » - मार्च- 2021 -17 मार्चइतिहास
गुप्त काल में साहित्य तथा विज्ञान का विकास की स्लाइड
गुप्तयुग में साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई। गुप्त साम्राज्य की स्थापना के साथ ही संस्कृत भाषा…
Read More » - 13 मार्चइतिहास
गुप्त काल की शासन व्यवस्था की स्लाइड
गुप्त साम्राज्य की शासन-व्यवस्था राजतंत्रात्मक थी। मौर्य शासकों के विपरीत गुप्तवंशी शासक अपनी दैवी उत्पत्ति में विश्वास करते थे तथा…
Read More » - जुलाई- 2020 -9 जुलाईइतिहास
गुप्त साम्राज्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
गुप्त साम्राज्य का संस्थापक श्रीगुप्त था। समुद्रगुप्त ने स्वयं को प्रयाग प्रशस्ति में श्रीगुप्त का प्रपौत्र कहा है।
Read More » - सितम्बर- 2019 -10 सितम्बरइतिहास
पृथ्वीषेण द्वितीय का इतिहास
पृथ्वीषेण द्वितीय वाकाटकों की प्रधान शाखा का अंतिम शासक था। उसके बाद उसका राज्य बासीम शाखा के हरिषेण के हाथों…
Read More » - 6 सितम्बरइतिहास
गुप्त काल में साहित्य तथा विज्ञान का विकास
हरिषेण सम्राट समुद्रगुपत् का सेनापति एवं विदेश सचिव था। उसकी सुप्रसिद्ध कृति प्रयाग-प्रशस्ति है, जिसे इसमें काव्य कहा गया है।…
Read More » - 3 सितम्बरइतिहास
गुप्त काल में स्तूप तथा गुहा-स्थापत्य कला
उदयगिरि की गुफाओं को मिथ्या गुहा की संज्ञा भी दी गयी है। इन गुहाओं में चौकोर तथा सादे गर्भगृह बने…
Read More » - 1 सितम्बरगुप्त काल
गुप्त काल की शासन व्यवस्था कैसी थी
राजा का बङा पुत्र उत्तराधिकारी चुना जाता था। सम्राट के छोटे पुत्रों को प्रांतीय शासकों के रूप में नियुक्त करने…
Read More » - अगस्त- 2019 -22 अगस्तप्राचीन भारत
समुद्रगुप्त का साम्राज्य तथा शासन-व्यवस्था
प्रयाग प्रशस्ति के शब्दों में उसने अपने बाहुबल के प्रसार द्वारा भूमंडल को बांध लिया। पाटलिपुत्र इस विशाल साम्राज्य की…
Read More » - 20 अगस्तप्राचीन भारत
प्रयाग प्रशस्ति का लेखक कौन था
प्रयाग प्रशस्ति में कोशल के शासक के रूप में महेन्द्र की चर्चा है। कोशल का अभिप्राय दक्षिण कोशल से है,…
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