ह्वेनसांग
- जून- 2020 -2 जूनइतिहास
पल्लव राजवंश के इतिहास के साधन
पल्लव काल में संस्कृत तथा तमिल भाषा में अनेक ग्रंथों की रचना की गयी। संस्कृत ग्रंथों में अवन्तिसुन्दरीकथा तथा मत्तविलासप्रहसन…
Read More » - 1 जूनइतिहास
प्राचीन भारतीय शिक्षा के पाठ्यक्रम
ऋग्वैदिक अथवा पूर्व-वैदिक काल में शिक्षा का मुख्य पाठ्यक्रम वैदिक साहित्य का अध्ययन ही था। पवित्र वैदिक ऋचाओं के अलावा…
Read More » - मई- 2020 -29 मईइतिहास
दक्षिण भारत का समाज कैसा था
संगमकालीन समाज के विषय में बात करते हैं, तो हम पाते हैं, कि इस समय तक दक्षिण भारत का आर्यकरण…
Read More » - 6 मईइतिहास
नरसिंहवर्मन प्रथम का संबंध किस प्राचीन राजवंश से था
महेन्द्रवर्मन के बाद उसका पुत्र नरसिंहवर्मन प्रथम (630-668ई.) में कांची के पल्लव वंश का राजा बना। वह अपने काल का…
Read More » - अप्रैल- 2020 -20 अप्रैलइतिहास
चालुक्यों का साहित्य
चालुक्य शासकों के काल में साहित्य, धर्म, कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। ह्वेनसांग चालुक्य राज्य के लोगों को…
Read More » - 20 अप्रैलइतिहास
चालुक्यों का धार्मिक जीवन
चालुक्य ब्राह्मण धर्मानुयायी थे तथा उनके कुल देवता विष्णु थे। इसके अलावा वे लोग शिव की भी पूजा करते थे।…
Read More » - मार्च- 2020 -28 मार्चइतिहास
पुलकेशिन द्वितीय एवं पल्लवों के बीच संघर्ष
आंध्र के दक्षिण में पल्लवों का शक्तिशाली राज्य था। पल्लव वंश का शासन इस समय महनेद्रवर्मन प्रथम (600-630 ई.) के…
Read More » - 18 मार्चइतिहास
बादामी के चालुक्य वंश की उत्पत्ति
चालुक्य वंश की उत्पत्ति के विषय में काफी मतभेद मिलते हैं। विंसेन्ट स्मिथ चालुक्यों की उत्पत्ति मध्य एशिया की चप…
Read More » - 17 मार्चइतिहास
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल भृगुकच्छ
इस स्थान की पहचान आधुनिक गुजरात के भड़ौच से की जाती है। यह पश्चिमी भारत का प्रसिद्ध नगर एवं समुन्द्री…
Read More » - 3 मार्चइतिहास
बादामी (वातापी) का चालुक्य वंश के इतिहास की जानकारी के साधन
मी (वातापी) के चालुक्य वंश के इतिहास के प्रामाणिक स्रोत अभिलेख हैं। इनमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण चालुक्य शासक पुलकेशिन् द्वितीय का…
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