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- नवम्बर- 2019 -22 नवम्बरइतिहास
गहङवाल (राठौङ) राजवंश की जानकारी प्रदान करने वाले इतिहास के स्रोत
गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के पतन के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा - हर्ष वर्धन की मृत्यु के बाद प्रतिहारों ने…
Read More » - 11 नवम्बरइतिहास
प्राचीन भारत में राज्य संस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत
राजदंड के डर से ही मनुष्य न्याय के मार्ग पर चलते हैं तथा न्याय ही उनका रक्षक हैं। महाभारत में…
Read More » - 9 नवम्बरप्राचीन भारत
उत्तर भारत के प्रमुख राजवंश – प्रतिहार,पाल, राष्ट्रकूट
750-1000 ईस्वी के मध्य उत्तर भारत और डेक्कन में कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय हुआ था। जिनमें पाल, प्रतिहार और…
Read More » - 8 नवम्बरइतिहास
राष्ट्रकूट शासकों का इतिहास में योगदान
दांतिदुर्ग ने अपना जीवन चालुक्यों के सामंत के रूप में प्रारंभ किया था। उसने एक दीर्घकालीन राज्य की नींव रखी।…
Read More » - 6 नवम्बरइतिहास
कन्नौज के लिये त्रिकोणात्मक संघर्ष किस-किस के बीच हुआ
इस पर अधिकार करने से गंगाघाटी तथा इसमें उपलब्ध व्यापारिक एवं कृषि संबंधी समृद्ध साधनों पर नियंत्रण स्थापित किया जा…
Read More » - सितम्बर- 2019 -26 सितम्बरप्रश्न एवं उत्तर
संगम काल से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर भाग-1
दक्षिण भारत का लोक प्रिय देवता 'मुरुगन' कार्तिकेय उत्तर भारतीय देवता से समीकृत किया जाता है।
Read More » - अगस्त- 2019 -31 अगस्तप्राचीन भारत
कुमारगुप्त तृतीय का इतिहास
नालंदा से प्राप्त एक मुद्रालेख में विष्णुगुप्त का लेख मिलता है, जो उसका पुत्र था। विष्णुगुप्त ने 550 ईस्वी तक…
Read More » - 26 अगस्तप्राचीन भारत
चंद्रगुप्त द्वितीय के सिक्के
इस प्रकार के सिक्के सबसे अधिक मिलते हैं। इनके मुख भाग पर धनुष-बाण लिये हुये राजा की मूर्ति, गरुङध्वज तथा…
Read More » - जुलाई- 2019 -28 जुलाईप्राचीन भारत
कुषाणों का प्रारंभिक इतिहासःकुजुल कडफिसेस
इस आधार पर ऐसा निष्कर्ष निकाला जाता है, कि प्रारंभ में कुजुल यवन नरेश हर्मियस के अधीन शासक था। परंतु…
Read More » - 18 जुलाईप्राचीन भारत
रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख कहाँ स्थित है
यह शिलालेख शक् संवत् 72 (150-151 ई.) का है, शक शासक रुद्रदमन का है। इस शिलालेख में महाक्षत्रप रुद्रदमन द्वारा…
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