गुप्त कालइतिहासप्राचीन भारत

वैन्यगुप्त का इतिहास

वैन्यगुप्त गुप्त सम्राट था, जिसके बारे में हमें गुणैधर (बांग्लादेश के कोमिल्ला में स्थित) के ताम्रपत्र से जानकारी मिलती है। यह ताम्रपत्र गुप्त संवत् 188 अर्थात् 507 ईस्वी का है। नालंदा से उसकी एक मुहर मिली है, जिस पर महाराजाधिराज का विरुद प्राप्त है।

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गुणैधर ताम्रपत्र में उसके दो प्रांतीय शासकों – विजयसेन एवं रुद्रदत्त के नाम मिलते हैं तथा बौद्ध विहार के लिये कुछ भूमिदान दिये जाने का वर्णन है। उसके कुछ स्वर्ण सिक्के भी प्राप्त हुये हैं।

Reference : https://www.indiaolddays.com

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