किस मुगल शासक ने भगवान राम पर सिक्का निकाला था
अकबर ने राम के प्रति आस्था का सम्मान करते हुये राम सिय पर सिक्का जारी कर तू ही राम है तू रहीम है, का दुनिया को संदेश दिया था। अन्य शासकों ने भी भगवान राम को अपनी मुद्रा पर अंकित किया था। सबसे पहले भारतीय मुद्रा पर मगध मौर्य शासन में चांदी के पंचमार्क सिक्कों पर राम का अंकन देखने को मिला था।
आहत अथवा पंचमार्क सिक्के किसे कहते हैं ?
मुगल सम्राट अकबर की धार्मिक नीति।
इसी समय चीन से आए कुषाण शासक हुविष्क ने राम को अपने सिक्कों पर चित्रित किया।
अकबर द्वारा प्रचलित किये गये सिक्के पर राम के हाथ में धनुष तथा सीता के हाथ में फूल
अकबर ने 1882 ई. में दीन ए इलाही धर्म की स्थापना की थी।
अपने शासन के अंतिम वर्ष 1604 ईस्वी में सोने व चांदी के सिक्के जारी किये।
इन सिक्कों में एक तरफ राम व सीता को दर्शाया गया है। भगवान राम हाथ में धनुष लिये और माता सीता हाथ में पुष्प लिये हुये हैं। नागरी भाषा में राम सिय अंकित किया गया है।
मोहर पर माह का नाम फरवरदीन व चांदी के आधे रुपये पर अमरदाद अंकित है। सोने की आधी मोहर दिल्ली के नेशनल म्यूजियम तथा चांदी के आधे रुपया का सिक्का वाराणसी के भारत कला भवन में संग्रहित है। मुहम्मद गौरी ने भी धन की देवी लक्ष्मी पर एक सोने की मुद्रा जारी की थी।
अकबर ने भगवान राम पर मोहर सिक्का जारी किया था। मुहम्मद गौरी ने धन की देवी लक्ष्मी को मुद्रा में अंकित करवाया, जो सद्भावना को दर्शाती है। सिक्कों पर राम के अंकन के कई उदाहरण मिलते हैं। अन्य शासकों ने भी राम को मुद्राओं में अंकित किया है।
Reference : https://www.indiaolddays.com