प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल आबू(पर्वत)
राजस्थान प्रान्त में यह पर्वतीय नगर स्थित है। यह स्थान जैन मन्दिरों एवं मूर्तियों के लिए जगतप्रसिद्ध है। यहाँ दो प्रसिद्ध संगमरमर के मन्दिर है जिन्हें दिलवाड़ा का मन्दिर कहा जाता है। इसका निर्माण गुजरात के चौलुक्य (सौलंकी) शासक भीमदेव प्रथम के सामन्त विमल ने करवाया था।
प्रथम मन्दिर में आदिनाथ की मूर्ति है जिसकी आँख हीरे की बनी है। प्रवेशद्वार पर 6 स्तम्भ तथा 10 गज – प्रतिमायें है। मन्दिर के गर्भगृह में ध्यानावस्थित जिन की प्रतिमा है। सम्पूर्ण मन्दिर एक विशाल प्रांगण से घिरा है जो ‘128×75’ के आकार का है। यह मन्दिर अपनी बारीक नक्काशी एवं अद्भुत मूर्तिकारी के लिए प्रसिद्ध है। पाषाण की शिल्पकला का इतना उत्कृष्ट उदाहरण अन्यत्र नहीं मिलता।

दूसरा मन्दिर जो तेजपाल कहा जाता है, इसी के पास स्थित है। यह भी अत्यन्त भव्य एवं सुन्दर है। पहाड़ी पर तीन अन्य जैन मन्दिर भी बने हुए है। इस प्रकार आबू पर्वत जैन वास्तु एवं तक्षण कला का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता हैं।
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 2. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास, लेखक- वी.डी.महाजन
