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11अप्रैल : राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और प्रसव संबंधी जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल  की तरह 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। 11 अप्रैल को कस्तूरबा गांधी के जन्म की सालगिरह को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में घोषित किया गया है । आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस(National Safe Motherhood Day) घोषित करने वाला भारत  दुनिया का पहला देश है। इस दिन देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि गर्भवती महिलाओं के पोषण पर सही ध्यान दिया जा  सके।

मोदी सरकार ने सत्ता संभालते ही मातृ मृत्यु दर को गंभीरता से लिया और प्रसूति की मौत को कम करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं ने न केवल समाज में जागरुकता फैला कर महिलाओं का सशक्तिकरण किया गया है बल्कि उनकी जरुरतों को लेकर भी समाज और देश को संवेदनशील बनाया गया है।

. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान – पीएमएसएमए देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत लाभार्थियों को हर महीने की नवीं तारीख़ को प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं (जांच और दवाओं सहित) का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा। यदि किसी माह में नवीं तारीख को रविवार या राजकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्यदिवस पर यह दिवस आयोजित किया जाएगा।

माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात की हाल की कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के लक्ष्य और शुरूआत के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों से उनकी स्वैच्छिक सेवाएं देने की अपील की।

इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीके से कम से कम एक बार जांच की जाए तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाए, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत मंत्रालय का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज में सुधार लाना है। इस संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए समस्त संचार पैकेज के साथ पीएसएमए वेब पोर्टल और मोबाइल एप की भी शुरुआत की गई है।

भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये कार्य जिनके सहयोग से गर्भवती स्त्रियों का लाभ मिलता है, निम्नलिखित हैं

गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये की वित्तीय सहायता – 31 दिसंबर 2016 को नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई, जिसमे गर्भावस्था सहायता योजना भी थी। इस योजना की घोषणा प्रसूति मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के बाद महिला के बैंक खाते में प्रदान की जायेगी।

मातृत्व अवकाश – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया है जिससे औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाली करीब 18 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिलेगा।  इस संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया में शायद दो या तीन ही देश हैं, जो इस मामले में हम से आगे हैं। इस महत्वपूर्ण फैसले का मूल उद्देश्य उस नवजात शिशु की देखभाल, भारत का भावी नागरिक, जन्म के प्रारंभिक काल में उसकी सही देखभाल हो, मां का उसको भरपूर प्यार मिले, तब ये शिशु बड़े हो करके देश की अमानत बनेंगे।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने महिला और बच्चों की सुरक्षा और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए और कई योजनाओं की शुरुआत भी की। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”, सुकन्या समृद्दि योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, स्वच्छ भारत योजना के जरिए मोदी सरकार ने महिलाओं के विकास के लिए न केवल कई प्रयास किए बल्कि समाज में भी इनसे संबंधित संवदेनशील मुद्दों के प्रति लोगों में जागरुकता लाने में भी सफल रही । इससे समाज में महिलाओं के सम्मान के साथ-साथ उनके आत्मसम्मान में भी बढ़ोत्तरी हुई। साथ ही साथ बाल विवाह के खिलाफ मुहिम और महिला जनन स्वास्थ्य व गर्भाधान को लेकर जागरुकता का भी असर दिखना शुरू हो गया है। हाल के वर्षों में देश ने अनेक सूचकांकों के बारे में महत्वपूर्ण प्रगति की है और देश में नवजात शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), कुल प्रजनन दर (टीएफआर) जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकेतकों में पर्याप्त प्रगति की है और देश में पांच मृत्यु दरों के अधीन विश्व की तुलना में तेजी से गिरावट आई है।

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं
  • 11 अप्रैल को देश भर में ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ (National Safe Motherhood Day) मनाया जाता है।
  • इस दिन गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है।
  • ज्ञातव्य है कि भारत विश्व का पहला देश था जिसने 11 अप्रैल, 2003 को कस्तूरबा गांधी की जयंती पर यह दिवस घोषित किया था।
  • केंद्र सरकार ने यह घोषणा ‘व्हाइट रिबन एलायंस (WRAI) फॉर सेफ मदरहुड’ के अनुरोध पर की थी।

अप्रैल माह के महत्त्वपूर्ण दिवस

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