इतिहास

सर थामस रो किसके दरबार में भारत आया | sar tamas ro

सर थामस रो (1615-1619 ई.) – सर थामस रो जहाँगीर के दरबार में आने वाले दूसरे शिष्ट मंडल के नायक अपने कुल गुरू टैरी के साथ 1616 ई. में भारत आया। वह एक वर्ष तक आगरा में रुका। इस दौरान वह बादशाह जहाँगीर के साथ शिकार खेलने भी गया। थामस रो दो बार बादशाह के साथ आगरा व माण्डू में मनाए गए जन्मोत्सव में सम्मिलित हुआ। अपने विवरण में उसने मुगल दरबार तथा जहाँगीर की अभिरुचियों के बारे में विस्तार से उल्लेख किया है। उसने जयपुर के निकट टोडा नामक स्थान पर बङी सुह्रदयता से जहाँगीर का एक साधु से भेंट करने का उल्लेख किया है।

थामस रो तीन वर्ष तक मुगल दरबार में रहा। 1619 ई. में वह बादशाह जहाँगीर का यह आशय लेकर इंग्लैण्ड लौटा कि मुगल दरबार में अंग्रेजों का इसी तरह स्वागत किया जाता रहेगा। इस प्रकार वह जहाँगीर से विशेषाधिकार पाने में सफल रहा। जहाँगीर ने उसे खान की उपाधि भी दी थी। इसने अपना यात्रा संस्मरण एक पुस्तक पूर्वी द्वीपों की यात्रा लिखी।

References :
1. पुस्तक - मध्यकालीन भारत, लेखक- एस.के.पाण्डे 

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