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स्पेन का गृह युद्ध

स्पेन का गृह युद्ध

स्पेन का गृह युद्ध

स्पेन गृह युद्ध यद्यपि उसकी आंतरिक स्थिति का विषय है, फिर भी इसे द्वितीय विश्व युद्ध का पूर्वाभिनय कहा जाता है, क्योंकि इसके द्वारा यूरोपीय शक्तियों के संगठन का आभास पहले ही मिल गया था। प्रथम विश्व युद्ध में स्पेन तटस्थ रहा था। युद्ध के बाद एक भयंकर आर्थिक संकट आया जिससे बेकारी की समस्या गंभीर हो गयी।

मजदूरों में असंतोष बढ गया, हङतालें होने लगी और दंगे फसाद आरंभ हो गये। जनता सरकार के कुशासन से काफी परेशान थी। यद्यपि नाम के लिये वहाँ वैध राजसत्ता थी किन्तु वास्तव में वहाँ का राजा अलफान्सो पूर्णतः तानाशाह था। जनता में विद्रोह की भावना देखते हुये अलफान्सो ने रिवेरा नामक सेनापति की सहायता से देश में सैनिक कानून लागू कर दिया

जिससे रिवेरा का स्वेच्छाचारी शासन आरंभ हो गया। 1923 से 1930 तक वह अपना स्वेच्छाचारी शासन करता रहा, किन्तु देश में दंगे, विद्रोह और हङतालें होती रही। जन असंतोष को देखते हुये 1930 में रिवेरा ने पद त्याग कर दिया। उसके बाद अलफान्सो ने पुनः वैधानिक शासन स्थापित करने की घोषणा कर दी।

किन्तु जनता विधान परिषद की माँग करने लगी और अलफान्सो इस माँग को टालता रहा। फलतः 1930 में वहाँ राजतंत्र के विरुद्ध विद्रोह हो गया और अलफान्सो स्पेन छोङकर भाग गया। इसके बाद स्पेन में गणतंत्रीय सरकार की स्थापना हुई।

स्पेन का गृह युद्ध

गणतंत्र स्थापित होने के बाद वहाँ सत्ता प्राप्त करने के लिये विभिन्न दलों में संघर्ष होने लगा। 1936 के आम चुनावों में उदार तथा अनुदार दोनों दलों को प्रायः बराबर स्थान प्राप्त हुए। जब उदार दल ने सत्ता अपने हाथ में लेनी चाही तो जनरल फ्रेंको के नेतृत्व में 18 जुलाई, 1936 को अनुदार दल ने गृह-युद्ध आरंभ कर दिया।

संपूर्ण स्पेन में एकाएक गृह युद्ध की आग भङक उठी। सैनिक अधिकारियों द्वारा निर्देशित यह गृह युद्ध पूर्णतया योजनाबद्ध था और इसकी तैयारी बहुत पहले से हो रही थी। जनरल फ्रेंको ने विदेशी शक्तियों से सहायता माँगी। जर्मनी और इटली यह समझते थे कि स्पेन में यदि उनके जैसी (अधिनायकवादी) शासन प्रणाली स्थापित हो जाय तो उसकी सहानुभूति सदा उनके साथ रहेगी।

अतः उन्होंने जनरल फ्रेंको को सहायता देना अपना कर्त्तव्य समझा। किन्तु फासिस्टवाद के विरुद्ध गणतंत्र को मदद देना रूस ने अपना कर्त्तव्य समझा। किन्तु फासिस्टवाद के विरुद्ध गणतंत्र को मदद देना रूस ने अपना कर्त्तव्य समझा। किन्तु उस समय रूस उतना शक्तशाली नहीं था तथा रूस और स्पेन की सीमाएँ मिली-जुली नहीं थी।

अतः स्पेन के गणतांत्रिक सरकार को उश मात्रा में मदद नहीं कर सका जिस मात्रा में फ्रेंको को हिटलर और मुसोलिनी से सहायता प्राप्त हो रही थी। फ्रांस और ब्रिटेन को यह भय था कि कहीं यह गृह युद्ध यूरोपीय विश्व युद्ध में परिवर्तित न हो जाय, क्योंकि फासिस्ट देश फ्रेंको की सफलता के लिये कटिबद्ध थे और यदि दूसरे देशों ने इसका विरोध किया तो विश्व युद्ध का हो जाना असंभव नहीं था।

अतः ब्रिटेन और फ्रांस तटस्थता का ढोल पीटकर खामोश बैठे रहे। फलस्वरूप इटली तथा जर्मनी की सहायता से जनरल फ्रेंको को विजय प्राप्त हो गहयी। 28 मार्च, 1939 को स्पेन की राजधानी मेड्रिड का पतन हो गया और गृह-युद्ध भी समाप्त हो गया।

स्पेन का गृह युद्ध

स्पेन में जनरल फ्रेंको की तानाशाही स्थापित हो गयी।

स्पेन का गृह युद्ध के परिणाम

यद्यपि यह युद्ध स्पेन का आंतरिक मामाला था किन्तु विदेशी शक्तियों के हस्तक्षेप से इसे अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व प्राप्त हो गया। इस युद्ध ने इटली व जर्मनी की मित्रता को प्रगाढ बना दिया, जर्मनी तथा जापान के साथ इटली भी एण्टी-कॉमिण्टर्न पैक्ट में सम्मिलित हो गया और यूरोप में फासिस्ट शक्तियों की स्थिति मजबूत हो गयी।

हिटलर और मुसोलिनी को यह विश्वास हो गया कि ब्रिटेन और फ्रांस साम्यवाद के हौवे से बुरी तरह आशंकित हैं और उन्हें यह भय दिखाकर कुछ भी कराया जा सकता है। इससे उन्हें यह ज्ञान हो गया कि उनके आक्रमणों को रोकने का साहस पश्चिमी लोकतंत्र में नहीं है।राष्ट्रसंघ की सामूहिक सुरक्षा योजना अंतिम रूप से विफल हो गयी।

स्पेन की सरकार ने इस मामले को राष्ट्रसंघ में उठाने का कई बार प्रयत्न किया, किन्तु संघ की असेम्बली ने केवल 2 अक्टूबर, 1937 को यह प्रस्ताव पास किया कि स्पेन से हट जाना चाहिये। किन्तु जर्मनी और इटली अपने स्वयंसेवक हटाने के लिये तैयार नहीं थे।

अतः राष्ट्रसंघ अपने इस प्रस्ताव को कार्यान्वित नहीं कर सका। शूमैन ने तो यहाँ तक लिखा है कि इंग्लैण्ड और फ्रांस ने अहस्तक्षेप की नीति के आधार पर तथा अमेरिका ने तटस्थता के नाम पर स्पेन को शस्त्र बेचना और भेजना बंदर कर दिया और इस प्रकार धुरी राष्ट्रों द्वारा स्पेन के लोकतंत्र की हत्या में सहयोग दिया गाय।इस युद्ध ने धुरी राष्ट्रों को ब्रिटेन और फ्रांस पर धौंस जमाने और अधिक रियायतें प्राप्त करने का स्वर्ण अवसर मिल गया। इसके अलावा इस गृह युद्ध में जर्मनी को लङने के नए तरीकों का प्रयोग करने का अवसर मिल गया।

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा

Online References
wikipedia : स्पेन का गृह युद्ध

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