इतिहासप्रथम विश्वयुद्धविश्व का इतिहास

प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास

प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास

प्रथम विश्व युद्ध के कारण

1914 से 1919 के मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जल, थल और आकाश में प्रथम विश्‍व युद्ध लड़ा गया।इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र और इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्वयुद्ध कहते हैं।

विश्व युद्ध खत्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएं फिर से निर्धारित हुईं और अमेरिका निश्चित तौर पर एक ‘सुपर पावर’ बन कर उभरा…अधिक जानकारी

प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण

औद्योगिक क्रांति के कारण सभी बड़े देश ऐसे उपनिवेश चाहते थे, जहाँ से वे कच्चा माल पा सकें और सभी उनके देश में बनाई गई मशिनों से बनाई हुई चीज़ें बेच सकें।

प्रथम विश्व युद्ध

इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हर देश दूसरे देश पर साम्राज्य करने कि चाहत रखने लगा और इस के लिये सैनिक शक्ति बढ़ाई गई । गुप्त कूटनीतिक संधियाँ की गईं।गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क(Bismarck) था…अधिक जानकारी

प्रथम विश्वयुद्ध : उत्तरदायी राष्ट्र

प्रथम महायुद्ध के प्रारंभ होने के तत्काल बाद ही युद्ध के उत्तरदायित्व के संबंध में बहुत कुछ लिखा गया है। युद्ध में सम्मिलित राष्ट्रों ने भी अपने-अपने दृष्टिकोण और ढँग से युद्ध के उत्तरदायित्व के संबंध में सरकारी कागजात प्रकाशित करवाए, जिनमें अपने को निर्दोष सिद्ध करते हुये दूसरों को दोषी सिद्ध करने का प्रयत्न किया गया था।

युद्धोपरांत सम्पन्न वर्साय की संधि (प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की सन्धि पर हस्ताक्षर किये। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबन्दी लगा दी गयी, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गयी।


वर्साय की सन्धि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह सन्धि द्वितीय विश्वयुद्ध के कारणों में से एक थी।) की धारा 231 के द्वारा युद्ध का संपूर्ण दोष जर्मनी के सिर मढ दिया गया और तभी से विद्वानों में यह विवाद चल पङा है, कि क्या सचमुच सिर्फ जर्मनी ही इस युद्ध के लिये उत्तरदायी थाल ? इस विवाद का सही समाधान आज तक भी नहीं हो पाया है। इसे ठीक से समझने के लिये प्रमुख देशों के उत्तरदायित्व पर विचार करना आवश्यक हो जाता है…अधिक जानकारी

प्रथम विश्वयुद्ध : घटनाएँ

प्रथम विश्वयुद्ध : घटनाएँ – प्रथम विश्व युद्ध काफी लंबा और व्यापक रहा। प्रथम विश्व युद्ध की कुछ प्रमुख घटनाओं का विवरण इस पॉस्ट में किया गया है

जर्मनी ने जिस समय रूस और फ्रांस के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की थी, उस समय उसकी योजना थी – फ्रांस को यथाशीघ्र पराजित करके रूस से निपटना, क्योंकि रूस एक विशाल देश था और उससे निपटने के लिये विशाल पैमाने पर कार्यवाही करने की आवश्यकता थी।

उस समय जर्मनी को इंग्लैण्ड की तटस्थता की आशा थी, अतः उसने बाल्कन युद्ध क्षेत्र को आस्ट3िया के भरोसे छोङ दिया और फ्रांस पर टूट पङा। फ्रांस पर आक्रमण करने के लिये बेल्जियम ने जर्मन सेनाओं को रास्ता देने से मना कर दिया तो जर्मन फौजें बलपूर्वक उसकी सीमा में घुस गई। इसी घटना ने इंग्लैण्ड को भी युद्ध में सम्मिलित कर दिया।

जर्मनी ने केवल एक मास में फ्रांस को जीतने की योजना बनाई थी, परंतु बेल्जियम की सेना ने उसकी योजना पर पानी फेर दिया बेल्जियम की सेना ने बङी बहादुरी के साथ जर्मन फौजों का सामना किया और 24 अगस्त तक उन्हें फ्रांस की ओर नहीं बढने दिया।

इससे फ्रांस और इंग्लैण्ड को युद्ध की तैयारी का थोङा समय मिल गया। 16 अगस्त तक इंग्लैण्ड के 1,10,000 सैनिक फ्रांस पहुँच चुके थे, परंतु मान्स के युद्ध में जर्मन फौजों ने इंग्लैण्ड और फ्रांस की संयुक्त सेना को बुरी तरह से पराजित किया। अब पेरिस केवल केवल 25 मील दूर रह गया था और सभी को आशा थी कि जर्मन फौजें बहुत जल्दी पेरिस पर अपना अधिकार जमा लेंगी, परंतु मार्न चमत्कार ने जर्मनी की आशा को धूमिल कर दिया।

9 सितंबर को अंग्रेजों की एक सेना मार्न नदी को पार करके जर्मन सेना को बुरी तरह से पराजित करके एन नदी तक पीछे खदेङ दिया। इस प्रकार, पेरिस खतरे से बच गया। जर्मन सेना एन नदी पर खाइयाँ खोदकर डट गई। मित्र राष्ट्रों ने भी वैसा ही किया। उन्होंने भी खाइयाँ खोदकर मोर्चाबंदी कर ली।

शीघ्र ही दोनों पक्षों की खाइयों की पंक्तियों स्विट्जरलैण्ड की उत्तरी सीमा से लेकर बेल्जियम के उत्तरी किनारे तक फैल गई और कई महीनों तक दोनों पक्ष खाइयों की यह लङाई लङते रहे। 1918 ई. तक किसी भी पक्ष को कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली और इस प्रकार युद्ध का पश्चिमी मोर्चा अपेक्षाकृत शांत बना रहा…अधिक जानकारी

प्रथम विश्व युद्ध : प्रभाव

चार वर्षों तक लङे गए प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम कितने घातक रहे, इसकी सहज कल्पना नहीं की जा सकती। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक सभी पक्षों पर इसका गहरा प्रभाव पङा।

राजनीतिक परिणाम

आर्थिक परिणाम

सामाजिक परिणाम…अधिक जानकारी

प्रथम विश्व युद्ध से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य

प्रथम विश्व युद्ध
  • प्रथम विश्व युद्ध (First World War) की शुरुवात 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण किये जाने के साथ हुयी |
  • प्रथम विश्व युद्ध चार वर्षो (1914-1918) तक चला , जिसमे 37 देशो ने भाग लिया
  • प्रथम विश्वयुद्ध (First World War) में सम्पूर्ण विश्व दो खेमो में बंट गया था मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र ।धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया| इसमें शामिल अन्य देश थे – ऑस्ट्रिया ,हंगरी और इटली आदि |
  • मित्र राष्ट्रों में इंग्लैंड , जापान ,संयुक्त राज्य अमेरिका ,रूस और फ्रास शामिल थे |
  • ऑस्ट्रिया ,जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ईस्वी में हुआ था |प्रथम विश्व युद्ध (First World War)  के समय अमेरिका का राष्ट्रपति वुडरो विल्सन था |
  • अमेरिका 6 अगस्त 1917 को प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ
  • प्रथम विश्व युद्ध के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा मिलिट्री पॉवर बनकर उभरा |
  • प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति 11 नवम्बर 1918 को हुयी थी |
  • 18 जून 1919 को पेरिस में शान्ति सम्मेलन हुआ , जिसमे 27 देश भाग ले रहे थे मगर शान्ति संधियों की शर्ते केवल तीन देश ब्रिटेन ,फ़्रांस और अमेरिका तय कर रहे थे |
  • पेरिस शान्ति सम्मेलन में शान्ति संधियों की शर्ते निर्धारित करने में जिन राष्ट्राध्यक्ष ने मुख्य भूमिका निभाई  वे थे अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लोयड जोर्ज और फ्रास के प्रधानमंत्री जोर्ज क्लेम्सो |
  • वर्साय की संधि 28 जून 1919 को जर्मनी के साथ हुयी |
  • युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड़ पौंड राशि की मांग की गयी |
  • अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्व युद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रसंघ की स्थापना थी |
  • प्रथम विश्व युद्ध (First World War)  के दौरान होने वाली वर्साय की संधि (treaty of Versailles)में द्वितीय विश्व युद्द का बीजारोपण हुआ।
1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा

Online References
wikipedia : प्रथम विश्व युद्ध 

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