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प्रथम विश्व युद्ध 1914 का तात्कालिक कारण क्या था

प्रथम विश्वयुद्ध के विस्फोट से यूरोप में महाशक्तियों के दो गुट बन गये। प्रथम विश्व युद्ध (First world war)20 वी. शता.की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण घटना थी। 28 जुलाई 1914 को शुरू हुए प्रथम विश्वयुद्ध में एक तरफ जर्मनी, आस्ट्रिया,इटली और टर्की थे तथा दूसरी ओर फ्रांस,रूस और इंग्लैण्ड थे।

प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण

औद्योगिक क्रांति के कारण सभी बड़े देश ऐसे उपनिवेश चाहते थे, जहाँ से वे कच्चा माल पा सकें और सभी उनके देश में बनाई गई मशिनों से बनाई हुई चीज़ें बेच सकें।

इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हर देश दूसरे देश पर साम्राज्य करने कि चाहत रखने लगा और इस के लिये सैनिक शक्ति बढ़ाई गई । गुप्त कूटनीतिक संधियाँ की गईं।गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क(Bismarck) था |

इससे राष्ट्रों में अविश्वास और वैमनस्य बढ़ा और युद्ध अनिवार्य हो गया। ऑस्ट्रिया के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड(Archduke Ferdinand) और उनकी पत्नी का वध इस युद्ध का तात्कालिक कारण था।

यह घटना 28 जून 1914, को सेराजेवो ( seraajevo )में हुई थी। एक माह के बाद ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध घोषित किया। रूस, फ़्रांस और ब्रिटेन ने सर्बिया की सहायता की और जर्मनी ने आस्ट्रिया की। अगस्त में जापान, ब्रिटेन आदि की ओर से और कुछ समय बाद उस्मानिया, जर्मनी की ओर से, युद्ध में शामिल हुए।

प्रथम विश्व युद्ध एवं भारत

प्रथम विश्वयुद्ध का समर्थन तत्कालीन भारत की राजनीतिक पार्टियां जैसे कांग्रेस, मुस्लिम लीग,मॉडरेट, नेशनलिस्ट राजे-रजवाङे आदि ने किया।

उदारवादी भारतीय नेताओं ने इस आशा में ब्रिटिश सरकार के प्रति निष्ठावान और ब्रिटिश युद्ध प्रयासों का समर्थन किया कि उनके सहयोग के बदले में उनकी स्वराज या स्वशासन की मांग को पूरा कर दिया जायेगा।

राष्ट्रवादी नेता तिलक और गांधी जी ने युद्ध के दिनों में सरकार की सहायता हेतु धन और सेना के लिए सिपाही की व्यवस्था हेतु गांवों का दौरा किया।

लार्ड हार्डिंग (वायसराय) की बुद्धिमता एवं सहानुभूतिपूर्ण रवैये के कारण प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन को भारत का पूर्ण समर्थन मिला।

प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार द्वारा टर्की (मुस्लिम) के विरुद्ध युद्ध की घोषणा से मुस्लिम लीग का सरकार के प्रति मोह भंग हो गया। अब लीग कांग्रेसी नेताओं के अधिक नजदीक आने का प्रयास करने लगी।

हकीम अजमल खां, मोहम्मदअली, हसन इमाम जैसे एहरार आंदोलन से जुङे नेताओं ने मुसलमानों को अब सरकार की चाटुकारिता बंद करने को कहा और आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लें।

प्रथम विश्व युद्ध से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य


  • प्रथम विश्व युद्ध (First World War) की शुरुवात 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण किये जाने के साथ हुयी |
  • प्रथम विश्व युद्ध चार वर्षो (1914-1918) तक चला , जिसमे 37 देशो ने भाग लिया
  • प्रथम विश्वयुद्ध (First World War) में सम्पूर्ण विश्व दो खेमो में बंट गया था मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र ।धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया | इसमें शामिल अन्य देश थे – ऑस्ट्रिया ,हंगरी और इटली आदि |
  • मित्र राष्ट्रों में इंग्लैंड , जापान ,संयुक्त राज्य अमेरिका ,रूस और फ्रास शामिल थे |
  • ऑस्ट्रिया ,जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ईस्वी में हुआ था |प्रथम विश्व युद्ध (First World War)  के समय अमेरिका का राष्ट्रपति वुडरो विल्सन था |
  • अमेरिका 6 अगस्त 1917 को प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ
  • प्रथम विश्व युद्ध के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा मिलिट्री पॉवर बनकर उभरा |
  • प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति 11 नवम्बर 1918 को हुयी थी |
  • 18 जून 1919 को पेरिस में शान्ति सम्मेलन हुआ , जिसमे 27 देश भाग ले रहे थे मगर शान्ति संधियों की शर्ते केवल तीन देश ब्रिटेन ,फ़्रांस और अमेरिका तय कर रहे थे |
  • पेरिस शान्ति सम्मेलन में शान्ति संधियों की शर्ते निर्धारित करने में जिन राष्ट्राध्यक्ष ने मुख्य भूमिका निभाई  वे थे अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लोयड जोर्ज और फ्रास के प्रधानमंत्री जोर्ज क्लेम्सो |
  • वर्साय की संधि 28 जून 1919 को जर्मनी के साथ हुयी |
  • युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड़ पौंड राशि की मांग की गयी |
  • अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्व युद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रसंघ की स्थापना थी |
  • प्रथम विश्व युद्ध (First World War)  के दौरान होने वाली वर्साय की संधि (treaty of Versailles)में द्वितीय विश्व युद्द का बीजारोपण हुआ।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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