Good Friday: गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है
गुड फ्राइडे नामक त्यौंहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया है। ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे आता है और इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है।
वहीं, मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह के फिर से जीवित हो जाने की खुशी में ईसाई लोग प्रभु भोज में भाग लेते हैं और खुशी मनाते हैं।एक-दूसरे को अंडे के आकार के तोहफे देते हैं।
गुड फ्राइडे मनाने की विधि
गुड फ्राइडे के 40 दिन पहले से ही ईसाइयों के घरों में प्रार्थना और उपवास शुरू हो जाते हैं। इस व्रत में शाकाहारी खाना खाया जाता है। गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाते हैं और यीशु को याद कर शोक मनाते हैं।
इसी के साथ गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित होती है।
ईसा मसीह के सात वाक्य निम्नलिखित हैं-
दोपहर के लगभग 12 बजे थे, अपनी मृत्यु के पूर्व के तीन घंटों में यीशु मसीह ने क्रूस पर जो सात अमरवाणियां कही थीं उन पर चिंतन करना अत्यावश्यक है।
पहला वाक्य:
हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।
दूसरा वाक्य :
मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
तीसरा वाक्य :
हे नारी देख, तेरा पुत्र। देख, तेरी माता।
चौथा वाक्य :
हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?
‘पांचवाँ वाक्य :
‘मैं प्यासा हूं’
छठा वाक्य :
‘पूरा हुआ।’पिता परमेश्वर ने अपने पुत्र यीशु मसीह को जिस कार्य को करने पृथ्वी पर भेजा था, उसे उन्होंने पूर्ण किया। शैतान भी उन्हें पराजित नहीं कर सका। प्राणों की आहुति देकर उन्होंने अपने उद्देश्य को प्राप्त किया। हम सभी अपने जीवन को जीने का एक सही उद्देश्य बनाएं तथा उसे प्राप्त करने का प्रयास करें।
सातवाँ वाक्य :
‘हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं। अपना कर्तव्य पूरा कर यीशु इस संसार से विदा होते हैं। उस समय अपराधी को कोड़े मारे जाते थे तथा दूसरी सजा सलीब पर टांगने की थी। यीशु इन दोनों सजा को भुगतकर अपने पिता को अपनी आत्मा सौंपकर संसार से विदा होते हैं। ‘हे पिता’ उद्बोधन आत्मीयता का परिचायक है।
यीशु को इस दिन दंड दिया गया फिर भी इसे ‘गुड’ क्यों कहा जाता है?
ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के बेटे हैं।उन्हें अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए मृत्यु दंड दिया गया। उस वक्त यहूदियों के कट्टरपंथी रब्बियों (धर्मगुरुओं) ने यीशु का पुरजोर विरोध किया।
ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया।लेकिन अपने हत्यारों की उपेक्षा करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, ‘हे ईश्वर! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.’ जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था।तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाने लगा।
गुड फ्राइडे और ईस्टर संडे का संबंध क्या है
ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन क्रॉस पर लटकाए जाने के तीसरे ही दिन रविवार को ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे।इस वजह से इसे ईस्टर संडे कहा जाता है।ईसाई समुदाय में ईस्टर एग यानी कि अंडे का विशेष महत्व है।
जिस तरह से चिड़िया सबसे पहले अपने घोसले में अंडा देती है, उसके बाद उसमें से चूजा निकलता है। ठीक उसी तरह अंडे को शुभ माना गया है।ईस्टर संडे के दिन लोग एक दूसरे को अंडे के आकार के गिफ्ट देते हैं।यही नहीं सजावट में भी अंडे के आकार का इस्तेमाल किया जाता है।
गुड फ्राइडे के हैं अन्य नाम
ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार यीशु को बिना गलती के क्रॉस मार्क पर लटका दिया गया। उन पर कई तरह से यातनाएं की गईं। ये दिन शुक्रवार यानी फ्राइडे का था, इसलिए इसे गुड फ्राइडे नाम दिया गया।
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।
Reference : https://www.indiaolddays.com/