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अमेरिका के तेरह उपनिवेश

अमेरिका के तेरह उपनिवेश

जेम्स टाउन की स्थापना के बाद अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अन्य बस्तियाँ कायम की। 1620 ई. में न्यू इंलैण्ड की कौंसिल को बस्ती बसाने का आज्ञा-पत्र मिला। 1629 ई. में मेसाचूसेट्स कंपनी को आज्ञा-पत्र मिला। यहाँ पर बसने आए प्रारंभिक लोगों को यात्री के नाम से पुकारा जाता है। ये लोग मेफ्लावर नामक एक छोटे से जहाज से वहाँ पहुँचे थे।

ये सभी लोग प्यूरिटन थे, और स्वतंत्रतापूर्वक जीवन बिताने के लिये नए संसार में गए थे। 1632 ई. में लार्ड बाल्टीमोर को उपनिवेश बसाने का आज्ञा-पत्र मिला और उसने मेरीलैण्ड की बस्ती बसाई। 1633 ई. में कौरोलाइना उपनिवेश बसाया गया और 1681 में विलियन पेन ने पेंसिलवेनिया बस्ती की नींव रखी। इस प्रकार, उपनिवेशों की संख्या में वृद्धि होती गई।

जो तेरह उपनिवेश अन्ततः संयुक्त राज्य बने, वे थे –

  1. न्यू हैम्पशायर,
  2. मेसाचूसेट्स,
  3. रोड आइलैण्ड,
  4. कनेक्टिकट,
  5. न्यूयार्क,
  6. न्यूजर्सी,
  7. पेंसिलवेनिया,
  8. डेलावेयर,
  9. मेरीलैण्ड,
  10. वर्जीनिया,
  11. उत्तरी कैरोलाइना,
  12. दक्षिणी कैरोलाइना और
  13. जार्जिया।

उपनिवेशों में लोगों के बसने के कारण

अपनी मातृभूमि का त्याग और सामुद्रिक यात्रा के विषम कष्ट सहन करके अमेरिकी उपनिवेशों में आकर बसने के पीछे कई कारण थे। डॉ.बनारसी प्रसाद सक्सेना ने चार प्रमुख कारणों का उल्लेख किया है, जो इस प्रकार हैं –

  • यूरोप में होने वाले निरंतर और जनसंहारक युद्धों को पकङकर युद्धों में भाग लेने हेतु उनको अमीरों और सत्ताधारियों के हाथ बेच दिया जाता था।
  • यह आशा कि नई दुनिया में पहुँचकर ईमानदारी से कारोबार का अवसर प्राप्त हो सकेगा कि धार्मिक तथा साम्प्रदायिक अत्याचार एवं उत्पीङन से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से ईश्वर की आराधना कर सकेंगे, जहाँ पर न तो चर्च का ही दबाव होगा और न सरकारी कर्मचारियों का।
  • अधिकांश यूरोपीय उत्प्रवासियों (देश छोङकर उपनिवेशों में बसने वाले लोग) ने अपना घर इसलिये छोङा था, कि उन्हें यहां अधिक आर्थिक अवसर मिलेंगे। इस प्रेरणा को बहुधा धार्मिक स्वतंत्रता की लालसा अथवा राजनीतिक उत्पीङन से बचकर भागने के दृढ – संकल्प ने और भी बल दिया।
  • 1620 ई. से 1635 ई. की अवधि में इंग्लैण्ड के अधिकांश लोगों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पङा था। बहुत से लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता था। कुशल कारीगर भी किसी भाँति ही अपनी जीविका चला पाते थे। खराब फसलों ने लोगों की कठिनाई को और भी बढा दिया था, अतः ऐसे बहुत से लोग नए संसार में बसने को उत्सुक हो गये।
  • 16वीं और 17वीं शताब्दियों की धार्मिक उथल-पुथल ने भी बहुत से लोगों को अपना देश छोङने के लिये विवश किया। मेसाचूसेट्स के समीप प्लीमथ उपनिवेश की स्थापना करने वाले प्यूरिटन अंग्रेज ही थे, जो अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के लिये ही इंग्लैण्ड से चले थे। मेसाचूसेट्स की स्थापना भी प्यूरिटन लोगों ने ही की थी। विलियम पेन और उसके साथ क्वेकरो ने धार्मिक दृष्टि से ही पेंसिलवेनिया की स्थापना की। कैथोलिकों ने मेरीलैण्ड को आबाद किया। इस प्रकार, उपनिवेशों में विभिन्न संप्रदायों के लोग अलग-अलग क्षेत्रों में बस रहे थे।
  • राजनीतिक कारणों ने भी लोगों को देश छोङने के लिए विवश किया। 1630 ई. में इंग्लैण्ड के चार्ल्स प्रथम के स्वेच्छाचारी शासन से तंग होकर लोग उपनिवेशों में आ बसे तो ओलीवर क्रामवेल के शासन में राजा के सहायक सरदार और उसके अनुयायी भाग्य आजमाने के लिये उपनिवेशों में आ बसे।
  • जर्मन राजाओं की निरंकुशलता ने बहुत से जर्मनों को उपनिवेशों में बसने को प्रेरित किया।

इस प्रकार अनेक कारणों से प्रभावित होकर लोग उपनिवेशों की ओर प्रेरित हुए थे, परंतु उन सबमें किसी न किसी प्रकार का असंतोष था और वे सभी लोग प्रारंभ से ही व्यक्तिगत स्वतंत्रता के पुजारी थे।

औपनिवेशिक विकास की सभी अवस्थाओं में एक आश्चर्यजनक विशेषता यह थी, कि उन पर अंग्रेजी सरकार के प्रभाव और नियंत्रण का अभाव था। 1651 ई. से ब्रिटेन की सरकार ने उपनिवेशियों के आर्थिक जीवन को नियंत्रित करने के लिये समय-समय पर कानून बनाए, परंतु उन्हें लागू करने की पूरी चेष्टा नहीं की गई।

1. पुस्तक- आधुनिक विश्व का इतिहास (1500-1945ई.), लेखक - कालूराम शर्मा

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