भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 कब स्वीकृत किया गया
माउंटबेटन योजना के आधार पर ब्रिटिश संसद (British parliament)ने 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (Indian independence act)1947 को पास किया गया। इस उपबंध द्वारा ही 15 अगस्त,1947 को भारत का विभाजन हुआ।
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 की मुख्य शर्तें-
- 15 अगस्त, 1947 से भारत में भारत और पाकिस्तान नाम से डोमीनियन की स्थापना हो जायेगी।
- भारत के राज्य क्षेत्रों को छोङकर जो पाकिस्तान में सम्मिलित होंगे, वो ब्रिटिश भारत के सभी प्रांत सम्मिलित होंगे।
- पाकिस्तान के राज्य क्षेत्र में पूर्वी बंगाल,पश्चिमी पंजाब,सिंध और उत्तर-पश्चिम सीमा प्रांत सम्मिलित होंगे। पूर्वी बंगाल प्रांत में असम का सिलहट जिला भी शामिल होगा।
- देशी रजवाङे दोनों में से भारत और पाकिस्तान किसी भी डोमेनियन (अधिराज्य) में सम्मिलित हो सकते हैं।
- प्रत्येक डोमेनियन के विधानमंडल को अपने अधिराज्य के लिये कानून बनाने का पूरा अधिकार होगा। 15 अगस्त,1947 के बाद ब्रिटिश संसद द्वारा पारित कोई भी अधिनियम किसी भी डोमेनियन में वैध नहीं होगा।
- दोनों डोमेनियनों तथा प्रांतों का संचालन 1935 के अधिनियम के अनुसार उस समय तक चलाया जायेगा, जब तक कि संबंधित संविधान सभा इसके लिए कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं कर लेती।
14-15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि के समय भारत स्वतंत्र हो गया। आधी रात को दिल्ली में संविधान निर्मात्री सभा को संबोधित करते हुए अपने प्रभावशाली ऐतिहासिक भाषण में जवाहर लाल नेहरू ने कहा वर्षों पूर्व हमने नियति के साथ जो वादा किया था, अब वह समय आ गया है, जबकि हम उस प्रतिज्ञा को सर्वांश में तो नहीं, लेकिन अधिकांश में पूरा करेंगे।अर्द्ध रात्रि के समय जब सारी दुनिया सो रही होगी भारत में जीवन तथा स्वतंत्रता का स्वर्ण विहान होगा। इतिहास में कभी कभार वह क्षण आता है, जब हम पुरातन युग से नूतन युग में प्रवेश करते हैं, जब एक युग का अंत हो जाता है, और जब दीर्घ काल से सोई हुई राष्ट्र की आत्मा जाग उठती है, यह उपयुक्त ही है कि इस अवसर पर हम भारत तथा भारत के लोगों की सेवा और यहां तक कि मानवता के अपेक्षाकृत अधिक बङे उद्देश्य के लिए समर्पण का प्रण लें।
15 अगस्त 1947 को भारतीय इतिहास के एक कालखंड का अंत हुआ तथा दूसरे का आरंभ।
200 वर्षों की ब्रिटिश दासता के बाद भारत ने प्रथम बार मुक्ति का अहसास किया।
लार्ड माउंडबेटन को स्वतंत्र भारत का प्रथम ब्रिटिश गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया तथा जवाहर लाल नेहरू को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बनाया गया।
7 अगस्त, 1947 को मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना करांची पहुंचे, पाकिस्तान की संविधान सभा द्वारा 11 अगस्त को अपनी पहली बैठक में जिन्ना को राष्ट्रपति चुना गया।
14 अगस्त,1947 को जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने।
भारत की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में जहां देश के कुछ क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल था, वहीं कुछ क्षेत्रों में साम्प्रदायिक दंगे फैल गये।
मृत्युशैय्या पर पङे रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने कभी ठीक ही कहा था कि, अंग्रेज अवश्य ही भारत को छोङेंगे, लेकिन कैसा भारत वो छोङेंगे कितना दुः ख भरा ?जब सदियों पुरानी उनके शासन की धारा अंत में सूख जायेगी तो वे अपने पीछे कितने दलदल और कितने कीचङ छोङ जायेंगे।
Reference : https://www.indiaolddays.com/