इतिहासप्रमुख स्थलप्राचीन भारत
प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल धौली
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर के समीप स्थित पहाड़ी जिसका एक नाम ‘धवलगिरि’ भी मिलता है। यहाँ से अशोक के शिलालेख मिले हैं। ज्ञात होता है कि इस स्थान का प्रशासनिक नाम तोसलि था, जो मौर्य साम्राज्य के कलिंग की राजधानी थी।
यह वही स्थान है जहां अशोक कलिंग युद्ध के बाद पश्चात्ताप की अग्नि में जला था। इसी के बाद उसने बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया और जीवन भर अहिंसा के संदेश का प्रचार प्रसार किया। अशोक के प्रसिद्ध पत्थर स्तंभों में एक यहीं है। इस स्तंभ (257 ई.पू.) में अशोक के जीवन दर्शन का वर्णन किया गया है। यहां का शांति स्तूप भी घूमने लायक है जो कि धौली पहाड़ी के चोटी पर बना हुआ है। इस स्तूप में भगवान बुद्ध की मूर्त्ति तथा उनके जीवन से संबंधित विभिन्न घटनाओं की मूर्त्तियां स्थापित है। इस स्तूप से ‘दया नदी’ का विहंगम नजारा दिखता है।
References:
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक-के.सी.श्रीवास्तव