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प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल गांधार

पाकिस्तान के पेशावर तथा रावलपिण्डी जिलों की भूमि में प्राचीन गांधार राज्य बसा हुआ था। इसका उल्लेख प्राचीन साहित्य में मिलता है। ऋग्वेद में यहाँ के निवासियों को ‘गान्धारी’ कहा गया है तथा इस प्रदेश के भेड़ों की प्रशंसा की गयी है। रामायण तथा महाभारत में भी इसका उल्लेख है।

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16 महाजनपद काल

महात्मा बुद्ध के कुछ पूर्व हम गन्धार का उल्लेख एक महाजनपद के रूप में अंगुत्तर निकाय में पाते है। ईसा पूर्व छठीं शता. के मध्य यहाँ पुक्कुसाति अथवा पुष्करसारिन् नामक राजा राज्य करता था। उसने मगधनरेश बिम्बिसार के पास अपना दूत भेजकर उससे मैत्री सम्बन्ध स्थापित किया था। उसने अवन्तिराज प्रद्योत पर आक्रमण कर उसे पराजित किया था।

कुषाणकाल में गन्धार प्रदेश में कला की एक विशेष शैली का जन्म हुआ जिसे ‘गन्धार कला’ कहा जाता है। इसमें बुद्ध की मूर्तियाँ प्रथम बार पाषाण में बनाई गयीं तथा भारतीय विषयों को यूनानी ढ़ग से व्यक्त किया गया।

गन्धार राज्य की राजधानी तक्षशिला थी। यह शिक्षा एवं साहित्य का एक प्रमुख केन्द्र थी।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

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