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कांग्रेस का त्रिपुरी संकट(1939)

3 सितंबर,1939 को द्वितीय विश्व युद्ध(second World War) में जर्मनी (हिटलर) द्वारा पौलैण्ड पर आक्रमण करने के बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी पर आक्रमण कर दिया।

तत्कालीन भारतीय वायसराय लार्ड लिनलिथगो(Lord Linlithgow) ने भारतीयों की अनुमति के बिना यह घोषणा कर दी कि भारत भी जर्मनी के विरुद्ध ब्रिटेन के साथ युद्ध में शामिल है।

कांग्रेस कार्यसमिति ने सरकार से युद्ध के उद्देश्यों को स्पष्ट करने की मांग की, परंतु सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

वायसराय ने भारतीयों के सामने युद्ध के बाद औपनिवेशिक स्वराज का पुराना वायदा दुहराया।

कांग्रेस शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने कांग्रेस कार्य समिति की अनुमति के बाद 15 नवंबर,1939 को मंत्रिमंडलों से त्यागपत्र दे दिया।

कांग्रेसी मंत्रियों के त्यागपत्र के बाद मुस्लिम लीग ने दलित नेता भीमराव अंबेडकर(Bhimrao ambedkar) के साथ 22 दिसंबर,1939 को मुक्ति दिवस मनाया।

कांग्रेस का त्रिपुरी संकट(1939)(Tripuri crisis of Congress)

1938 में हरिपुरा अधिवेशन के वार्षिक अधिवेशन के लिए सुभाष चंद्र बोस(Subhash Chandra Bose) को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।

हरिपुरा में कांग्रेस अधिवेशन के समय सुभाष बोस ने जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना की जिसके सदस्यों में बिङला,लाला श्रीराम, विश्वरैया शामिल थे।

1939 के त्रिपुरी कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में सुभाषचंद्र बोस दूसरी बार अध्यक्ष पद के उम्मीदवार बने।वे गांधी के पसंद के उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैय्या को परास्त कर दूसरी बार अध्यक्ष चुन लिये गये।

गांधी जी ने पट्टाभि सीतारमैय्या की हार को अपनी हार बताया।

चुनाव के बाद अधिवेशन में पारित प्रस्ताव द्वारा अध्यक्ष को गांधी जी की इच्छानुसार कार्य समिति के सदस्य नियुक्त करने को कहा गया, लेकिन गांधी ने कोई भी नाम सुझाने से इंकार कर दिया।

अन्ततः सुभाषचंद्र बोस ने अप्रैल,1939 को कांग्रेस अध्यक्ष पद से स्तीफा दे दिया। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सुभाष चंद्र बोस की जगह नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया।

3 मई,1939 को सुभाष चंद्र बोस ने फारवर्ड ब्लाक की स्थापना की। अगस्त 1939 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा बंगाल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से सुभाष को हटा दिया गया – साथ ही कांग्रेस के सभी पदों से उन्हें तीन वर्षों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।


महत्त्वपूर्ण बिन्दु

कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना(1934)

1934 में कांग्रेस के भीतर समाजवादी विचारों के बढते हुए प्रभाव के कारण आचार्य नरेन्द्रदेव,जय प्रकाश नारायण और अच्युत पटवर्धन ने कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना की।

Reference : https://www.indiaolddays.com/

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