प्राचीन भारतइतिहासगुप्तोत्तर काल
माधवगुप्त का इतिहास
हर्षवर्धन के समय में माधवगुप्त मगध में उसके सामंत के रूप में शासन करता था। वह हर्ष का घनिष्ठ मित्र एवं विश्वासपात्र था। अफसढ लेख से पता चलता है, कि उसने अनेक शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी। यह विजय उसने अपने सम्राट हर्ष की ओर की थी।
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हर्षचरित से पता चलता है, कि जब हर्ष शशांक को दंडित करने के लिये गया तो माधवगुप्त भी उसके साथ था। हर्ष की मृत्यु के समय 647 ईस्वी तक वह मगध में उसके सामंत के रूप में शासन करता रहा।
हर्ष की मृत्यु के बाद उत्तर भारत में पुनः अराजकता फैली तथा उसने भी अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी। उसने मगध में शांतिपूर्वक शासन किया तथा अपने समकालीन शक्तियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाये रखा। उसने 650 ईस्वी तक राज्य किया।
Reference : https://www.indiaolddays.com