इतिहासपरमार वंशप्राचीन भारत

परमार वंश का पतन क्यों हुआ था

परमार वंश का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शासक भोज अत्यधिक महत्वाकांक्षी था, इसके साथ ही साथ उसने बहुत सारे युद्ध किये थे, जो बिना किसी योजना के अनुसार करे थे, जिसके कारण उसकी पराजय हुई। यही कारण परमारवंश के पतन का मुख्य कारण है।

भोज अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपने साम्राज्य की रक्षा नहीं कर सका तथा उसे भारी असफलताओं का सामना करना पङा था।

परमार शासक भोज द्वारा किये गये युद्ध तथा विजयें

सर्वप्रथम चालुक्य नरेश सोमेश्वर द्वितीय ने उसकी राजधानी धारा पर आक्रमण किया। भोज पराजित हुआ तथा भाग खङा हुआ। चालुक्यों ने उसकी राजधानी धारा को खूब लूटा। आक्रमणकारियों ने धारा नगरी को जला दिया। सोमेश्वर की इस विजय की जानकारी नगाई लेख (1058 ईस्वी) देती है। विल्हण कृत विक्रमांकदेवचरित भी इस घटना का उल्लेख करता है।

भोज के शासन काल के अंत में चालुक्यों तथा चेदियों ने उसके विरुद्ध एक संघ बनाया। इस संघ ने भोज की राजधानी पर आक्रमण किया। इस आक्रमण का नेता कलचुरि नरेश लक्ष्मीकर्ण था। भोज चिंता में बीमार पङ गया था तथा अंत में भोज की मृत्यु हो गयी थी।

भोज के मरने के तुरंत बाद ही कर्ण धारा पर टूट पङा तथा लूट-पाट कर प्रचुर संपत्ति अपने साथ लेता गया। चालुक्य नरेश भीम ने भी दूसरी तरफ से धारा पर आक्रमण कर उसे ध्वस्त कर दिया था। इस प्रकार परमार साम्राज्य का अंत हो गया।

References :
1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव 

India Old Days : Search

Search For IndiaOldDays only

  

Related Articles

error: Content is protected !!