प्राचीन इतिहास तथा संस्कृति के प्रमुख स्थल पुष्कर तीर्थ
राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में यह प्राचीन तीर्थ स्थित है। रामायण, महाभारत तथा पुराणों में इसकी महिमा का विवरण मिलता है। रामायण से पता चलता है कि यह विश्वमित्र की तपोभूमि था। महाभारत में इसे महान् तीर्थ बताया गया है (पितामहसरः पुण्यं पुष्करं नाम)। विष्णुपुराण भी इसके माहात्म्य का वर्णन करता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रजापति ब्रह्म ने सृष्टि रचना के लिए यही यज्ञ किया था। यहाँ ब्रह्म का मन्दिर है। इसके द्वार पर हंस की मूर्ति खुदी हुई है जो ब्रह्म का वाहन है।
सावित्री का मन्दिर भी निकट की पहाड़ी से मिलता है। यहाँ एक पवित्र सरोवर भी मिलता है जिसके विषय में अनेक अलौकिक कथायें प्रचलित है। पक्के घाट बने हुए हैं।
पुष्कर से ईसा पूर्व 4वीं शताब्दी के आहत सिक्के तथा हिन्द-यवन राजाओं के सिक्के भी मिलते है। कुछ समय यह स्थान बौद्ध धर्म का भी केन्द्र रहा। आहत सिक्के या पंचमार्क सिक्के किसे कहते हैं?
References : 1. पुस्तक- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति, लेखक- के.सी.श्रीवास्तव
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