बौद्ध
- जून- 2020 -23 जूनइतिहास
भारतीय संस्कृति में धार्मिक व्यवस्था
भारतीय संस्कृति में धर्म का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। वास्तव में यदि देखा जाय तो यह भारतीय संस्कृति का…
Read More » - 9 जूनइतिहास
बौद्ध साहित्य – त्रिपिटक के बारे में जानकारी
बौद्धों का साहित्य तीन पिटारियों अथवा पिटकों में प्राप्त होने के कारण त्रिपिटक कहा जाता है। यह पालि भाषा में…
Read More » - 4 जूनइतिहास
प्राचीन काल में शिक्षा पद्धति के दोष
प्राचीन शिक्षा पद्धति की यदि हम आलोचनात्मक समीक्षा करें, तो उसमें गुणों के साथ-साथ कुछ दोष भी दिखाई देते हैं।
Read More » - 2 जूनइतिहास
प्राचीन काल में गुरुकुल पद्धति
प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का एक प्रमुख तत्व गुरुकुल व्यवस्था है। इसमें विद्यार्थी अपने घर से दूर गुरु के घर…
Read More » - मई- 2020 -27 मईइतिहास
चोलकालीन साहित्य की जानकारी
चोल राजाओं का शासनकाल तमिल भाषा एवं साहित्य के विकास के लिये प्रसिद्ध है। तमिल लेखकों में सर्वाधिक प्रसिद्ध जयन्गोन्दार…
Read More » - 26 मईइतिहास
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
Read More » - 11 मईइतिहास
पल्लवकालीन साहित्य का इतिहास
पल्लव राजाओं का शासन संस्कृत तथा तमिल दोनों ही भाषाओं के साहित्य की उन्नति का काल रहा। कुछ पल्लव नरेश…
Read More » - 11 मईइतिहास
पल्लव शासकों का धार्मिक जीवन
पल्लव राजाओं का शासन काल दक्षिण भारत के इतिहास में ब्राह्मण धर्म की उन्नति का काल रहा। इस काल के…
Read More » - 6 मईइतिहास
नरसिंहवर्मन द्वितीय का संबंध किस प्राचीन राजवंश से था
नरसिंहवर्मन द्वितीय पल्लव शासक परमेश्वरवर्मन का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था, जिसने लगभग 700 ई. से 728 ई. तक राज्य किया।
Read More » - अप्रैल- 2020 -29 अप्रैलइतिहास
मणिमेकलै का लेखक कौन था
शिल्पादिकारम के कुच समय बाद मणिमेकलै नामक ग्रंथ की रचना हुई तथा इस पर शिल्पादिकारम का ही प्रभाव दिखाई देता…
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