राजराज प्रथम
- सितम्बर- 2021 -5 सितम्बरइतिहास
चालुक्य-चोलवंश शासक कुलोत्तुंग प्रथम (1070-1120ई.)
कुलोत्तुंग प्रथम – पूर्वी चालुक्य वंशीय राजेन्द्र द्वितीय या कुलोत्तुंग प्रथम राजराज प्रथम का प्रदौहित्र था। उसकी माता चोल नरेश…
Read More » - फरवरी- 2021 -11 फ़रवरीइतिहास
शैव धर्म के महत्वपूर्ण तथ्य एवं प्राचीन काल में सोपारा क्या था
शिव भक्ति की प्रारंभिक जानकारी सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेषों से होती है। शैव मत का उदय शुंग-सातवाहन काल में…
Read More » - अगस्त- 2020 -6 अगस्तइतिहास
शैव धर्म महत्त्वपूर्ण तथ्य
शिव भक्ति की प्रारंभिक जानकारी सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेषों से होती है। शैव मत का उदय शुंग-सातवाहन काल में…
Read More » - जून- 2020 -26 जूनइतिहास
शैव धर्म का उद्भव तथा विकास
शिव से संबंद्ध धर्म को शैव कहा जाता है, जिसमें शिव को इष्टदेव मानकर उनकी उपासना किये जाने का विधान…
Read More » - मई- 2020 -28 मईइतिहास
पाण्ड्य राज्य के बारे में जानकारी
तमिल प्रदेश का तीसरा राज्य पाण्ड्यों का था, जिसमें प्रारंभ में तिनेवेली, रानाड तथा मदुरा का क्षेत्र सम्मिलित था। पाण्ड्यों…
Read More » - 27 मईइतिहास
चोल काल में कला तथा स्थापत्यकला
चोल वंशी शासक उत्साही निर्माता थे और उनके समय में कला और स्थापत्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुयी।
Read More » - 25 मईइतिहास
चोल कालीन भूमि तथा राजस्व
चोल राज्य की आय का मुख्य साधन भूमिकर था। भूमिकर ग्राम-सभायें एकत्र करके सरकारी खजाने में जमा करती थी।
Read More » - 17 मईइतिहास
चोल शासक राजेन्द्र प्रथम
राजेन्द्र प्रथम राजराज प्रथम का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था और उसकी मृत्यु के बाद 1014-15 ई. में चोल राज्य की…
Read More » - 15 मईइतिहास
चोल राजवंश के इतिहास के साधन
चोल राजवंश - कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों से लेकर कुमारी अंतरीप तक का विस्तृत भूभाग प्राचीन काल में तमिल प्रदेश…
Read More » - अप्रैल- 2020 -26 अप्रैलइतिहास
गंग राजवंश का इतिहास
कदंबों तथा पल्लवों के राज्यों के बीच आधुनिक मैसूर के दक्षिण में गंगों का राज्य स्थित था। इस स्थान को…
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