रामानुज
- जून- 2021 -4 जूनइतिहास
राजस्थान में धार्मिक आंदोलन के कारण
धार्मिक आंदोलन के कारण - राजस्थान में इस्लाम के प्रवेश के समय यहाँ की सामाजिक स्थिति बङी शोचनीय थी। इस…
Read More » - अप्रैल- 2021 -28 अप्रैलइतिहास
स्लाइड : द्वारसमुद्र के होयसल वंश का इतिहास
होयसल यादवों की एक शाखा थे, जो अपने आप को चंद्रवंशी मानते थे। वे गंगवाडि के पश्चिम में चालुक्य नरेशों…
Read More » - जुलाई- 2020 -8 जुलाईइतिहास
वेदांत दर्शन किसे कहते हैं
उपनिषद् वैदिक साहित्य का अंतिम भाग है, इसीलिए इसको वेदान्त कहते हैं। कर्मकांड और उपासना का मुख्यत: वर्णन मंत्र और…
Read More » - 7 जुलाईइतिहास
विशिष्टाद्वैतवाद का प्रवर्त्तक कौन था
सामानुज ज्ञान को द्रव्य मानते हैं।उनके अनुसार इसकी प्राप्ति के तीन सधान हैं - प्रत्यक्ष, अनुमान तथा शब्द। अन्य कारणों…
Read More » - 7 जुलाईइतिहास
रामानुज का परिचय
भारतीय दार्शनिकों में शंकर के बाद रामानुज का नाम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है, जिन्होंने अपने विचारों के माध्यम से अद्वैतवाद का…
Read More » - जून- 2020 -26 जूनइतिहास
शैव धर्म का उद्भव तथा विकास
शिव से संबंद्ध धर्म को शैव कहा जाता है, जिसमें शिव को इष्टदेव मानकर उनकी उपासना किये जाने का विधान…
Read More » - 25 जूनइतिहास
वैष्णव धर्म के सिद्धांत
वैष्णव धर्म में ईश्वरभक्ति के द्वारा मोक्ष प्राप्त करने पर बल दिया गया है। भक्ति के द्वारा ईश्वर प्रसन्न होता…
Read More » - 24 जूनइतिहास
वैष्णव (भागवत) धर्म की उत्पत्ति तथा विकास
वैष्णव धर्म का विकास भागवत धर्म से हुआ। परंपरा के अनुसार इसके प्रवर्त्तक वृष्णि (सात्वत) वंशी कृष्ण थे, जिन्हें वसुदेव…
Read More » - मई- 2020 -26 मईइतिहास
चोलों की धार्मिक स्थिति कैसी थी
चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला रहा। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों…
Read More » - 12 मईइतिहास
पल्लव काल में मामल्ल-कला शैली (640-674ई.)
मामल्ल कला शैली का विकास पल्लव शासक नरसिंहवर्मन प्रथम महामल्ल के काल में हुआ। इसके अंतर्गत दो प्रकार के स्मारक…
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