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- मई- 2020 -15 मईइतिहास
चोल राजवंश के इतिहास के साधन
चोल राजवंश - कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों से लेकर कुमारी अंतरीप तक का विस्तृत भूभाग प्राचीन काल में तमिल प्रदेश…
Read More » - 14 मईइतिहास
पल्लवों की कला तथा स्थापत्य कला का इतिहास
पल्लव नरेशों का शासन काल कला एवं स्थापत्य कला की उन्नति के लिये प्रसिद्ध है। वस्तुतः उनकी वास्तु एवं तक्षण…
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पल्लवकालीन महेन्द्र कला शैली (610-640ईस्वी)
पल्लव वास्तु का प्रारंभ वस्तुतः महेन्द्रवर्मन प्रथम के समय से हुआ, जिसकी उपाधि विचित्र चित्र की थी। मंडगपट्ट लेख में…
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पल्लवकालीन साहित्य का इतिहास
पल्लव राजाओं का शासन संस्कृत तथा तमिल दोनों ही भाषाओं के साहित्य की उन्नति का काल रहा। कुछ पल्लव नरेश…
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पल्लव शासकों का धार्मिक जीवन
पल्लव राजाओं का शासन काल दक्षिण भारत के इतिहास में ब्राह्मण धर्म की उन्नति का काल रहा। इस काल के…
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पल्लव काल में शासन व्यवस्था कैसी थी
शासन का सर्वोच्च अधिकारी राजा होता था। उसकी उत्पत्ति दैवी मानी जाती थी। पल्लव नरेश अपनी उत्पत्ति ब्रह्मा से मानते…
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पल्लव शासकों की वंशावली तथा तिथिक्रम
पल्लव वंश के प्रारंभिक शासकों का पता हमें प्राकृत ताम्रलेखों के आधार पर होता है। प्राकृत लेख 250 ई. से…
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पल्लव वंश के शासक नृपतुङ्ग का इतिहास
कांञ्ची के पल्लव वंश के शासक नंदिवर्मन तृतीय का पुत्र नृपतुङ्ग था। जो 869-880ई. तक शासक रहा।
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नंदिवर्मन् द्वितीय पल्लव राजवंश से संबंधित था
कांची के पल्लव शासक परमेश्वरवर्मन द्वितीय की मृत्यु के बाद पल्लव राज्य में संकट के बादल छो गये, क्योंकि उसकी…
Read More » - 6 मईइतिहास
नरसिंहवर्मन द्वितीय का संबंध किस प्राचीन राजवंश से था
नरसिंहवर्मन द्वितीय पल्लव शासक परमेश्वरवर्मन का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था, जिसने लगभग 700 ई. से 728 ई. तक राज्य किया।
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