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प्लाम्बियर्स समझौता क्या था

प्लाम्बियर्स समझौता

प्लाम्बियर्स समझौता (plombiers agreement)

इंग्लैण्ड ने कैवूर को नैतिक समर्थन दिया था परंतु इससे अधिक उससे आशा करना व्यर्थ था। अतः कैवूर ने नेपोलियन तृतीय से मित्रता के प्रयास शुरु कर दिये। नेपोलियन प्रारंभ से ही इटली के राष्ट्रीय आंदोलनों का समर्थक था तथा कार्बोनरी संस्था के सदस्य के रूप में उसने इटली के राष्ट्रीय आंदोलनों में भी भाग लिया था। नेपोलियन की इटली के साथ वास्तविक रूप से सहानुभूति थी और वह वियना कांग्रेस के भी विरुद्ध था।

अतः कैवूर के लिए नेपोलियन की इटली के साथ वास्तविक रूप से सहानुभूति थी और वह वियना कांग्रेस के भी विरुद्ध था। अतः कैवूर के लिए नेपोलियन की मित्रता प्राप्त करना अधिक आसान था। 1858 ई. में नेपोलियन सीर्डिनिया की सीमा पर प्लेम्बियर्स नामक स्थान पर छुट्टियां व्यतीत करने आया हुआ था।

कैवूर भी प्लेम्बियर्स पहुँच गया, जहाँ 21 जुलाई1858 ई. को दोनों के बीच एक गुप्त समझौता हुआ जिसे प्लाम्बियर्स समझौता कहा जाता है।

इस समझौते में निम्नलिखित बातें तय हुई-

  • नेपोलियन ने वचन दिया कि सार्डीनिया फ्रांस को नीस और सेवांय के प्रदेश देगा।
  • आस्ट्रिया को पराजित करने के बाद लोम्बार्डी और वेनेशिया सार्डीनिया को दे दिये जायेंगे।
  • विक्टर इमानुएल की पुत्री का विवाह नेपोलियन के चचेरे भाई जैरोम बोनापार्ट के साथ किया जायेगा।

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